जेवर एयरपोर्ट के लिए 1775 परिवारों का होगा विस्थापन, 3105 किसान दे चुके हैं सहमति
जेवर एयरपोर्ट के लिए रविवार तक 3105 किसान 86 फीसद जमीन के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। परियोजना से प्रभावित सत्तर फीसद परिवार की सहमति मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
नोएडा [जेएनएन]। जेवर एयरपोर्ट परियोजना से विस्थापित एवं प्रभावित परिवार पर गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। 1775 परिवार परियोजना से विस्थापित होंगे। विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित सत्तर फीसद परिवार की सहमति के बाद जमीन अधिग्रहण की धारा 11 की कार्रवाई होगी। सोमवार को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में हुई बैठक में जेवर एयरपोर्ट परियोजना के किसानों की सहमति समेत अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
3105 किसान दे चुके हैं सहमति
जेवर एयरपोर्ट के लिए रविवार तक 3105 किसान 86 फीसद जमीन के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। परियोजना से प्रभावित सत्तर फीसद परिवार की सहमति मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस आंकड़े के अगले एक दो दिन में पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। इसलिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। इसी माह धारा 11 की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा सकता है।
नवंबर तक जमीन पर कब्जा मिलना शुरू हो जाएगा
सोमवार को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में हुई बैठक में जिला प्रशासन, यमुना प्राधिकरण, जीबीयू के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता कृषि उत्पादन आयुक्त एवं यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने की। भूमि अधिग्रहण कानून के तहत धारा 11 की अधिसूचना जारी होने के बाद जिला प्रशासन को प्रभावित किसानों की आपत्ति लेकर उसका निस्तारण करना होगा। यह कार्य दो माह में पूरा करना होगा। इसके बाद धारा 19 के तहत जमीन पर कब्जे की कार्रवाई होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर तक जमीन पर कब्जा मिलना शुरू हो जाएगा।
विस्थापित परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा
बैठक में जमीन अधिग्रहण की आगे की प्रक्रिया पर चर्चा की गई एवं अधिग्रहण से जुड़ी जिला प्रशासन स्तर की अन्य औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए, ताकि कार्य को समय सीमा में पूरा किया जा सके। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ने एयरपोर्ट परियोजना की सोशल इंपेक्ट असेसमेंट (एसआइए) रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी। इसके तहत परियोजना से दयानतपुर, रोही व किशोरपुर गांव के 1775 परिवार विस्थापित हो रहे हैं। इसमें गांव में रहने वाले भूमिहीन परिवार भी शामिल हैं, विस्थापित परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा।
निविदा प्रपत्र के मसौदे पर भी हुई चर्चा
बैठक में एयरपोर्ट परियोजना को पर्यावरणीय अनापत्ति प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने करीब 38 सुझाव दिए थे। इस पर आपत्ति लेकर उसका निस्तारण किया जाएगा। अंतिम रिपोर्ट को प्रदूषण बोर्ड के माध्यम से मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद पर्यावरण मंत्रालय से परियोजना को अनापत्ति जारी हो जाएगी। एयरपोर्ट के लिए निविदा प्रपत्र के मसौदे पर भी बैठक में चर्चा हुई।
करीब सत्रह सौ परिवार विस्थापित हो रहे हैं
जीबीयू के रजिस्ट्रार बच्चू सिंह का कहना है कि अधिक से अधिक देशी विदेशी कंपनियों के एयरपोर्ट परियोजना की निविदा में शामिल होने के लिए प्रपत्र को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। धारा 11 की कार्रवाई के साथ जेवर एयरपोर्ट की निविदा जारी हो सकती है। जेवर एयरपोर्ट परियोजना के लिए जीबीयू द्वारा तैयार एसआइए रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी गई है। परियोजना से करीब सत्रह सौ परिवार विस्थापित हो रहे हैं। इनका पुनर्वास किया जाएगा।