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आरएमएल अस्पताल में संविदा पर तैनात 151 नर्सिग कर्मी बर्खास्त, देखे पूरी लिस्ट

राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में संविदा पर नियुक्त 151 नर्सिग कर्मचारी बर्खास्त कर दिए गए हैं। इस बाबत अस्पताल प्रशासन ने चार दिन पहले इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर एक माह का नोटिस थमा दिया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 18 Feb 2022 12:42 PM (IST)Updated: Fri, 18 Feb 2022 12:42 PM (IST)
आरएमएल अस्पताल में संविदा पर तैनात 151 नर्सिग कर्मी बर्खास्त, देखे पूरी लिस्ट
अस्पताल के इस आदेश से नर्सिग कर्मचारियों में नाराजगी है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में संविदा पर नियुक्त 151 नर्सिग कर्मचारी बर्खास्त कर दिए गए हैं। इस बाबत अस्पताल प्रशासन ने चार दिन पहले इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर एक माह का नोटिस थमा दिया है। ये नर्सिग कर्मचारी वर्षो से अस्पताल में कार्यरत हैं और कोरोना के इलाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति हो जाने के कारण संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को हटाने का आदेश जारी हुआ है। अस्पताल के इस आदेश से नर्सिग कर्मचारियों में नाराजगी है।

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नर्सिग कर्मचारियों के संगठन आल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन ने इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर विरोध जताया है और अस्पताल का आदेश रद करने की मांग की है। साथ केंद्र सरकार के अस्पतालों में संविदा पर कार्यरत सभी नर्सिग कर्मचारियों को एक बार में ही स्थायी करने की भी मांग की गई है। फेडरेशन ने अपने पत्र में कहा है कि सफदरजंग अस्पताल में ठेके पर नर्सिग कर्मचारियों को नियुक्त करने के मामले में पिछले साल जून में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के साथ बैठक हुई थी जिसमें केंद्र के सभी अस्पतालों में संविदा पर नियुक्त नर्सिग कर्मचारियों को एक बार में ही स्थायी करने को लेकर बातचीत हुई थी, लेकिन उस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

आरएमएल अस्पताल में बर्खास्त किए गए 151 नर्सिग कर्मचारियों में से 44 कर्मचारी वर्ष 2009 से कार्यरत हैं। वहीं 89 नर्सिग कर्मचारी वर्ष 2015 से ड्यूटी दे रहे हैं। इसके अलावा 15 नर्सिग कर्मचारी वर्ष 2016 में संविदा नियुक्त किए गए थे। फेडरेशन ने अपने पत्र में कहा है कि इन नर्सिग कर्मचारियों ने खुद की परवाह न करते हुए कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे रहे। इस दौरान इनमें से कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित भी हुए। इसलिए इन्हें बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।


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