14 देशों के राजनयिक बने राजा शिव छत्रपति की गौरव गाथा के गवाह
जाजू ने कहा कि राजा शिव छत्रपति द्वारा महिलाओं के सम्मान की रक्षा करना, भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज बुलंद करना देश के युवाओं की आवश्यक भूमिका की ओर इशारा करता है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। छह अप्रैल से दिल्ली के लाल किला प्रांगण में चल रहे राजा शिव छत्रपति ऐतिहासिक गौरव गाथा नाट्य का मंगलवार को समापन हो गया। समापन के मौके पर 14 देशों के राजनयिक इस नाट्यमंचन के गवाह बने। इसके अलावा पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, केंद्रीय भारी उद्योग तथा सार्वजनिक उद्यमिता मंत्री अनंत गीते, गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर, इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिसर्च के चेयरमैन डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी व तारक मेहता का उलटा चश्मा के निर्माता असित कुमार मोदी भी उपस्थित रहे।
प्रेरणादायक कहानियों का पता चलता है
महानाट्य के संयोजक श्याम जाजू ने समापन कार्यक्रम के अवसर पर दिल्ली की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस गौरवशाली गाथा के लाल किले पर मंचन को जो स्नेह व प्रेम दिल्ली की जनता से मिला है, वह सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों ने विभिन्न माध्यमों से इस महानाट्य का मंचन एक बार फिर आयोजन करने का आग्रह किया है। लोगों का कहना था कि ऐसे नाटक से आने वाली पीढ़ी को देश के महापुरुषों की प्रेरणादायक कहानियों का पता चलता है।
महिलाओं के सम्मान की रक्षा
जाजू ने कहा कि राजा शिव छत्रपति द्वारा महिलाओं के सम्मान की रक्षा करना, भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज बुलंद करना, कमजोर व्यक्तियों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में खड़ा होना, 15 वर्ष की युवा अवस्था में आदिलशाह को परास्त कर उस पर कब्जा करना, अपने से चौगुनी ताकत वाले शक्तिशाली अफजल खान पर विजय प्राप्त करना आने वाले समय में देश के युवाओं की आवश्यक भूमिका की ओर इशारा करता है।
हिंदी से अग्रेजी में अनुवाद करने की व्यवस्था
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी अनिरुद्ध शर्मा ने बताया कि मंगलवार को बांग्लादेश, मंगोलिया, आस्ट्रेलिया, जापान, सूरीनाम, कजाकिस्तान सहित 14 देशों के राजनयिक नाट्य को देखने पहुंचे थे। जिनके लिए नाट्य की भाषा को हिंदी से अग्रेजी में अनुवाद करने की व्यवस्था की गई थी।
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