दिल्ली सरकार की बिजनेस फ्रेंडली नीति, सौ व्यापारी नेता 'आप' में होंगे शामिल
केजरीवाल सरकार ने तमाम अड़चनों के बावजूद बीते साढ़े तीन सालों में टैक्स विभाग के इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने संगठन को मजबूत करने का काम तेज कर दिया है। पार्टी हर वर्ग के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ना चाहती है। इसी कड़ी में दिल्ली के विभिन्न मार्केट एसोसिएशन के व्यापारी नेता आम आदमी पार्टी का दामन थामेंगे। पार्टी के अनुसार, पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लगभग एक सौ से ज्यादा व्यापारी नेता औपचारिक सदस्यता लेंगे।
व्यापारियों द्वारा आप के प्रति बढ़ते विश्वास का मुख्य कारण दिल्ली सरकार की बिजनेस फ्रेंडली नीति है। नई दिल्ली लोकसभा सीट से आप के प्रभारी बृजेश गोयल एवं आप ट्रेड विंग के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि कल कश्मीरी गेट में एक मीटिंग की गई थी। इसमें व्यापारी नेताओं ने शिरकत की थी।
गोयल का कहना है कि सभी व्यापारी नेताओं ने पार्टी की सदस्यता लेने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार है, जो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की बात तो करती है, लेकिन अपनी गलत नीतियों की वजह से बिजनेस करना बेहद मुश्किल बना चुकी है।
गोयल का कहना है कि दिल्ली में सीलिंग, ऑनलाइन बिजनेस, कन्वर्जन चार्ज, नोटबंदी, जीएसटी आदि ने व्यापारी का काम पूरी तरह से खत्म कर दिया है। वहीं दूसरी ओर केजरीवाल सरकार ने तमाम अड़चनों के बावजूद बीते साढ़े तीन सालों में टैक्स विभाग के इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाई है।
दिवाली से पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखित तौर पर टैक्स विभाग को व्यापारियों के यहा सर्वे न करने का निर्देश दिया था। साथ ही व्यापारियों के साथ बैठक कर सार्वजनिक तौर पर अपना फोन नंबर देते हुए कहा था कि अगर कोई टैक्स अधिकारी अकारण परेशान करे तो उन्हें संपर्क किया जाए।