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महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनीं पूनम चौहान

जो महिला ससुराली आने के बाद कभी किसी काम के लिए घर से बाहर नहीं गई आज वह न सिर्फ घर से बाहर जाकर अपने सभी कार्य स्वयं कर रही है बल्कि अन्य जरूरतमंदों की भी मदद कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 09:49 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 09:49 PM (IST)
महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनीं पूनम चौहान
महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनीं पूनम चौहान

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

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जो महिला ससुराली आने के बाद कभी किसी काम के लिए घर से बाहर नहीं गई, आज वह न सिर्फ घर से बाहर जाकर अपने सभी कार्य स्वयं कर रही है बल्कि अन्य जरूरतमंदों की भी मदद कर रही है। महिला सशक्तीकरण का उदाहरण प्रस्तुत कर यमुना विहार निवासी पूनम चौहान एक मिसाल कायम कर रही हैं। पूर्व विधायक स्वर्गीय साहब सिंह चौहान की मृत्यु के बाद उनके परिवार ने साहब सिंह सेवा दल की शुरुआत की। जिसके माध्यम से पूनम जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही हैं। कोरोना काल में भी वह बढ़ चढ़कर लोगों की सेवा में लगी हुई हैं। साथ ही आर्थिक तंगी से जूझ रही पांच महिलाओं को उन्होंने रोजगार भी दिलाया।

पूनम ने बताया कि उनके ससुर स्वर्गीय साहब सिंह चौहान राजनीति से ऊपर उठकर लोगों की मदद करते थे। इससे प्रेरित होकर उन्होंने भी समाजसेवा का रास्ता अपनाया। साहब सिंह सेवा दल द्वारा शादी, पार्टी आदि कार्यों में लोगों को निश्शुल्क स्टील के बर्तन उपलब्ध कराए जाते हैं। ताकि थर्माकोल की जगह लोग स्टील का ही प्रयोग करें। इससे कूड़ा भी कम होगा और बर्तन धुलकर दोबारा प्रयोग में आ जाते हैं। आसपास के कई लोग उनसे बर्तन ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि शादी के बाद अपने ससुराल में वह कभी घर से बाहर नहीं जाती थीं, लेकिन अपने ससुर के नाम को जीवित रखने के लिए वह एक बेटी की तरह घर से बाहर निकलकर लोगों की मदद कर रही हैं।

कोरोना काल में पूनम ने पांच महिलाओं को रोजगार दिलाया। जिससे वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं। इनमें से दो महिलाएं यमुना विहार और दो शिव विहार व एक सुभाष मोहल्ले में रहती हैं। ये सभी महिलाएं सिलाई का काम कर रहीं थी, लेकिन कोरोना में इनके पास कोई काम नहीं था, तो पूनम ने इन्हें मास्क बनाने का काम दिया। इन्हें कपड़ा उपलब्ध कराने से लेकर मास्क बनाने की लागत भी पूनम ही देती हैं। पूनम ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज मास्क है, तो उन्होंने कई जगहों पर जाकर लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक किया और लोगों को निश्शुल्क मास्क बांटे। अब तक वह 10 हजार से अधिक मास्क बांट चुकी हैं। दिल्ली से बाहर भी अपने जानने वालों के पास वह मास्क भिजवा रही हैं, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मास्क पहुंचा सके। वहीं, इस दौरान उनकी चौखट पर आए किसी जरूरतमंद को उन्होंने खाली हाथ नहीं जाने दिया। कोरोना में उन्होंने करीब 120 लोगों को राशन बांटा।


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