नालों की सफाई से खुश नहीं है पार्षद
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली में मानसून की तैयारियों पर उत्तरी एवं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ना
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली में मानसून की तैयारियों पर उत्तरी एवं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम नालों की सफाई होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई है कि यह सिर्फ कागजों पर ही साफ हुए हैं। यह हम नहीं खुद नगर निगम के पार्षद कहते हैं। पिछले दिनों उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक हुई इसमें पार्षदों ने नालों की सफाई को लेकर जमकर हंगामा किया।
दरअसल, नालों की सफाई को लेकर जब सदन में निगम के अधिकारियों ने आंकड़े रखे तो भाजपा समेत कांग्रेस व बसपा के पार्षदों ने नालों की सफाई पर सवाल उठा दिए। एक सुर में पार्षदों का कहना था कि नालों की सफाई को लेकर निगम के किए जा रहे दावे सही नहीं हैं। क्योंकि कई इलाके ऐसे हैं जिनमें अभी भी सफाई नहीं हुई है। इससे नालों की सफाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल का कहना है कि निगम के अधिकारी नालों की सफाई पर गुमराह करने का प्रयास करते हैं, जबकि सच्चाई है कि कई जगह पर नालों की ढंग से सफाई नहीं हुई है। वहीं, दिल्ली सरकार भी अपने नालों की सफाई नहीं कर रही है, जिसकी वजह से बरसात में नालों के ओवरफ्लो होने की पूरी संभावना है, इससे सीवर भी ओवरफ्लो होंगे। जिससे सड़कों और गलियों में जलजमाव देखने को मिलेगा। वहीं, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त का कहना है कि इस बार उनके इलाके में बिल्कुल भी लोक निर्माण विभाग के नालों की सफाई देखने को नहीं मिली।
निगम के पास पर्याप्त नहीं है साधन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास इस समय चार फिट तक 193 नालें है। लेकिन इन नालों की सफाई के लिए निगम के पास सिर्फ दो पोकलेन मशीनें हैं और एक सुपर सकर मशीन है। ज्यादातर मशीनों और उपकरणों के लिए उत्तरी निगम दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के साधनों पर निर्भर है।