सांसद इंजीनियर रशीद की याचिका पर दो सदस्यीय पीठ में मतभेद, अब 14 जनवरी से नई पीठ करेगी सुनवाई
सांसद इंजीनियर रशीद की याचिका पर सुनवाई कर रही दो जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई। अब 14 जनवरी से एक नई बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। मतभेद के कारण नई पीठ का गठन किया जाएगा, जो मामले पर नए सिरे से विचार करेगी और अपना फैसला सुनाएगी। अगली सुनवाई 14 जनवरी को होगी।

तिहाड़ जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद की याचिका पर खंडित निर्णय देने वाली दो सदस्यीय पीठ के निर्णय के बाद अब इस मामले पर एक अन्य पीठ 14 जनवरी से सुनवाई करेगी। यह मामला अब न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने खंडित निर्णय के फैसले के बाद यह आदेश दिया।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ ने कहा कि वह प्रारंभिक सुनवाई इस बात पर विचार करने के लिए करेंगे कि क्या वह मामले पर फैसला सुनाएंगे या अपील पर एक बड़ी पीठ द्वारा पुनर्विचार किया जाएगा।
रशीद की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन व राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 433 का हवाला दिया।
दोनों ने कहा कि न्यायमूर्ति डुडेजा को यह तय करना होगा कि उन्हें मामले की सुनवाई करनी है या न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ द्वारा इस पर पुनर्विचार और निर्णय किया जाना चाहिए। यह दलील दी गई कि न्यायमूर्ति डुडेजा को मामले की सुनवाई करनी होगी और इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए प्रारंभिक सुनवाई करनी होगी। इस पर पीठ ने मामले की सुनवाई 14 जनवरी के लिए निर्धारित की।
बीएनएसएस की धारा 433 के अनुसार यदि पीठ के दो या दो से अधिक न्यायाधीशों के बीच किसी अपील पर बराबर-बराबर मतभेद हो, तो मामला उसी न्यायालय के किसी अन्य न्यायाधीश को भेज दिया जाता है। इस प्रविधान में कहा गया है कि यदि मूल न्यायाधीशों या नए न्यायाधीशों में से कोई भी यह आवश्यक समझता है, तो अपील पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ द्वारा निर्णय लिया जा सकता है। रशीद ने संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पैरोल देते समय ट्रायल कोर्ट द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने को चुनौती दी है। इस संबंध में सात नवंबर को दो सदस्यीय पीठ ने बीते दिनों खंडित निर्णय सुनाया था। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने राशिद की याचिका खारिज कर दी, जबकि न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने इसे स्वीकार कर लिया था।

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