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पर्यटकों के लिए 15 जून से खुल सकते हैं स्मारक

वीके शुक्ला नई दिल्ली लॉकडाउन के चलते पिछले 25 मार्च से बंद स्मारक 15 जून से पर्यटकों के लिए खुल सकते हैं।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसे लेकर एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिग प्रोसीजर) तैयार कर रहा है। जिसमें पर्यटकों को स्मारकों का भ्रमण कराने के साथ-साथ कोरोनावायरस से बचाव को लेकर दिशा निर्देश तैयार किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 08:16 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 08:16 PM (IST)
पर्यटकों के लिए 15 जून से खुल सकते हैं स्मारक
पर्यटकों के लिए 15 जून से खुल सकते हैं स्मारक

वीके शुक्ला, नई दिल्ली

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लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से बंद पड़े स्मारक 15 जून से पर्यटकों के लिए खुल सकते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसे लेकर दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है, ताकि पर्यटकों को स्मारकों का भ्रमण कराने के साथ ही कोरोना वायरस से उनका बचाव हो सके। इसके तहत पर्यटकों को टिकट वाले स्मारकों में ग्रुप में एकत्रित होकर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, न ही दूसरे लोगों से नजदीक होकर घूमने और आवागमन की अनुमति होगी। पर्यटकों के लिए टिकट व्यवस्था भी पूरी तरह ऑनलाइन सिस्टम के तहत होगी। मैन्युअल टिकट को कम किया जाएगा। कोरोना काल तक विदेशी पर्यटकों को स्मारकों में प्रवेश न देने पर विचार किया जा रहा है।

दिल्ली में 174 स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत आते हैं, जिनमें से 9 स्मारकों में टिकट लगती है। इसमें लाल किला, कुतुबमीनार, हुमायूं का मकबरा, खान ए खाना का मकबरा, सुल्तान गारी का मकबरा, तुगलकाबाद किला, हौज खास स्मारक परिसर, जंतर-मंतर व सफदरजंग का मकबरा शामिल है। इसमें से लाल किला कुतुबमीनार और हुमायूं का मकबरा विश्व धरोहर में शामिल है, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिवर्ष विदेशी पर्यटक भी आते हैं। हुमायूं का मकबरा ऐसा स्मारक है जिसमें देश के पर्यटकों से अधिक विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष भ्रमण करने आते हैं। बनावट में एक जैसे होने के चलते बहुत से विदेशी पर्यटक आगरा के ताजमहल न जाकर इस मकबरे में आते हैं। बताया जाता है कि ताज महल को इस स्मारक की नकल कर बनाया गया था। करीब 10 साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी ताजमहल न जाकर हुमायूं का मकबरा देखने गए थे। उसके बाद से यहां पर लगातार विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। दिल्ली सरकार ने 92 स्मारकों का कराया संरक्षण

दिल्ली शहर पुरातात्विक धरोहरों का शहर है। यहां पर 1200 सौ के करीब कुल स्मारक व हवेलियां हैं। इसमें से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 174 स्मारकों को अलग कर दें तो अन्य स्मारकों को कुछ साल पहले तक कोई देखने वाला नहीं था। करीब 7 साल पहले दिल्ली सरकार ने इन स्मारकों के संरक्षण को लेकर पहल की। उसके बाद से अब तक 92 स्मारकों का संरक्षण कराया जा चुका है। इनमें से अधिकतर जर्जर हो चुके थे और गिरने के कगार पर थे। दिल्ली सरकार ने स्मारकों के संरक्षण का काम शुरू कराया। उसके बाद से इन स्मारकों में भी पर्यटक जाने शुरू हो गए हैं। 14 स्मारकों में केवल इबादत की इजाजत

केंद्र सरकार ने रविवार को जिन 820 स्मारकों में इबादत की इजाजत दी है, उनमें दिल्ली के 14 स्मारक शामिल हैं। इसमें टिकट वाला केवल एक स्मारक शामिल है। यह सफदरजंग का मकबरा है लेकिन इन सभी 14 स्मारकों में पर्यटकों के लिए अभी इजाजत नहीं है। लोगों को इबादत करने के बाद स्मारक परिसर से बाहर जाना होगा।


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