दादरी कांड पर अब एमनेस्टी ने कहा, UP में सुरक्षित नहीं अल्पसंख्यक
क साल में देश में सर्वाधिक दंगे का आरोप झेलने वाली उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार अब अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं के निशाने पर भी आ गई है। दंगों को लेकर अब तक विपक्षी दलों के निशाने पर रहने वाली यूपी की अखिलेश सरकार को अब एमनेस्टी ने भी घेरा
नई दिल्ली। एक साल में देश में सर्वाधिक दंगे का आरोप झेलने वाली उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार अब अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं के निशाने पर भी आ गई है। दंगों को लेकर अब तक विपक्षी दलों के निशाने पर रहने वाली यूपी की अखिलेश सरकार को अब एमनेस्टी ने भी घेरा है।
अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कदम उठाने की मांग
खासकर दादरी में हुई हिंसा की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं के निशाने पर है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया (AII) ने अखिलेश सरकार से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए और कदम उठाने की मांग की है।
सबसे ज्यादा झड़पें UP में
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के सहारे एमनेस्टी ने उत्तर प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिक झड़पों का भी हवाला दिया है। दादरी में गोमांस खाने के आरोप में इकलाख की पीट-पीटकर की गई हत्या की निंदा करते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि सांप्रदायिक तनाव को कम करने के लिए सिर्फ आरोपियों की गिरफ्तारी ही पर्याप्त नहीं है। इसके बजाय सरकार को राज्य में बढ़ते सांप्रदायिक झड़पों से निपटने के उपाय करने चाहिए।
स्वयंभू संगठनों पर नहीं गायों की सुरक्षा का अधिकार
मानवाधिकार संगठन के अनुसार गायों की सुरक्षा का अधिकार स्वयंभू संगठनों पर नहीं छोड़ा जा सकता है। एमनेस्टी ने राज्य सरकार से मुजफ्फरनगर दंगे पर जस्टिस विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और उस पर कार्रवाई करने की मांग की है।