MCD कर्मचारियों का स्पीकर आवास पर प्रदर्शन, AAP ने कहा, सांसदों-पार्षदों को घेरो
वेतन व अन्य भत्तों की मांग को दिल्ली नगर निगम के हड़ताली कर्मचारियों ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के आवास के सामने धरना प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली। वेतन व अन्य भत्तों की मांग को दिल्ली नगर निगम के हड़ताली कर्मचारियों ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के आवास के सामने धरना प्रदर्शन किया। नाराज कर्मचारियों ने पूर्वी दिल्ली के मेयर रवींद्र गुप्ता के निवास पर भी प्रदर्शन किया।
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एमसीडी की शुरू हुई हड़ताल सियासी रंग लेती नजर आ रही है। सफाईकर्मियों को समय पर वेतन न मिलने से शुरू हुई हड़ताल में भाजपा भी कूद गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को दिल्ली सचिवालय व लक्ष्मी नगर में जमकर प्रदर्शन किया।
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बता दें कि दिल्ली नगर निगम के करीब 1.5 लाख कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पहले तीन दिवसीय हड़ताल पर गए, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों को अनसुना किए जाने के बाद प्रदर्शनकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
शनिवार की सुबह हड़ताली कर्मचारी दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष आरएन गोयल के सरकारी आवास के सामने एकत्र हुए और अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसी क्रम में कर्मचारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदियों के दफ्तर पर प्रदर्शन कर चुके हैं। हड़ताल का असर अब दिल्ली में पूरी तरह से दिखने लगा है। पूरी दिल्ली कूड़े में तब्दील हो गई है। राजधानी में जगह-जगह कूड़ा बिखरा पड़ा है।
उधर, इस मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री व आप नेता सतेंद्र जैन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हड़ताली कर्मचारियों को दिल्ली के सांसदों व पार्षदों का भी घेराव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले से मुक्त नहीं हैं।
PWD मंत्री सत्येंद्र जैन ने बनाई टास्क फोर्स
इस बीच, दिल्ली की सड़कों से कचरा हटवाने का जिम्मा PWD को सौंप दिया गया है। PWD मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक टास्क फोर्स का घठन कर शहर से कचरा हटाने का आदेश दिया है। टास्क फोर्स में 100 ट्रकों को शामिल किया गया है, और हर ट्रक पर 10 वर्कर रखे हैं।
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अपनी मांगों को लेकर नगर निगम के हजारों कर्मचारियों ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कैंप ऑफिस के बाहर पटपड़गंज में कूढ़े का ढेर लगाकर प्रदर्शन किया था। हड़ताल के दौरान तीनों निगमों के सफाई कर्मचारी, शिक्षक और यहां तक कि डॉक्टर भी शामिल थे।
हड़ताल के पहले दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के सामने और जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था। दिल्ली के तीनों नगर निगमों के कुल सवा लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से करीब 60 हज़ार सफ़ाई कर्मचारी हैं। सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सड़कों और गलियों से भी कूड़ा उठना बंद हो गया है।
क्या है मामला
दिल्ली के तीनों नगर निगम के कर्मचारियों का तीन महीने से वेतन बकाया है। एक ओर जहां नगर निगम का कहना है कि उसके पास पैसे नहीं हैं,वहीं दिल्ली सरकार का साफतौर पर दावा है कि उसने तीनों नगर निगमों को इस साल 2000 करोड़ रुपये दे दिया है। इसके उलट निगम का कहना है कि उसे दिल्ली सरकार से 3000 करोड़ मिलना है, जिसमें से उसे 2000 करोड़ रुपये ही मिले हैं।
हड़ताली कर्मचारियों की मांग
1.महीने की पहली तारीख़ को मिले वेतन।
2.तीनों नगर निगमों को फिर से एक किया जाए।
3.बक़ाया वेतन का भुगतान तुरंत हो।