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घरेलू उद्योगों के लिए मास्टर प्लान में होगा बदलाव

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली के विभिन्न रिहायशी इलाकों में चल रही घरेलू औद्योगिक इकाइया

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 10:00 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 10:00 PM (IST)
घरेलू उद्योगों के लिए मास्टर प्लान में होगा बदलाव
घरेलू उद्योगों के लिए मास्टर प्लान में होगा बदलाव

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली के विभिन्न रिहायशी इलाकों में चल रही घरेलू औद्योगिक इकाइयों में अब 10 श्रमिक रखे जा सकेंगे और बिजली का कनेक्शन भी 11 किलोवाट तक का लिया जा सकेगा। खास बात यह कि मौजूदा उद्यमियों को इस छूट का लाभ उठाने के लिए किसी प्रकार की कागजी औपचारिकता भी नहीं करनी होगी। जबकि नए उद्यमियों को श्रम विभाग एवं दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मात्र लेनी होगी।

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दरअसल, दिल्ली विकास अधिनियम (डीडीए) 1957 के सेक्शन 11 ए के तहत डीडीए मास्टर प्लान 2021 में इस बाबत मौजूदा प्रावधान में बदलाव करने जा रहा है। इस आशय के प्रस्ताव पर लोगों से सुझाव व आपत्तिया मागने के बाद अब बुधवार को इसकी जन सुनवाई रखी गई है। यह सुबह 9.30 से शाम 4 बजे तक आइएनए स्थित विकास सदन में होगी। हालाकि आरडब्ल्यूए, पर्यावरणविद् आदि इन बदलावों से काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि इन बदलावों के बाद रिहायशी क्षेत्रों की शाति भंग हो जाएगी। मालूम हो कि दैनिक जागरण ने इस बदलाव की योजना पर पहले ही खबर प्रकाशित कर दी थी।

जानकारी के मुताबिक लोगों को अपनी आपत्ति और सुझाव देने के लिए 45 दिनों का समय दिया गया था। इस दौरान डीडीए को 910 आपत्तिया और सुझाव मिले हैं। इन सभी को जन सुनवाई बोर्ड के समक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद बोर्ड अपनी रिपोर्ट तैयार कर डीडीए बोर्ड के समक्ष रखेगा। बोर्ड से मंजूरी के बाद यह रिपोर्ट केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय जाएगी और वहा से इसकी अधिसूचना जारी होगी।

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डीडीए की इस नई योजना से दिल्ली बिल्कुल भी रहने योग्य नहीं रह जाएगी। 11 किलोवाट के बिजली कनेक्शन और 10 श्रमिकों वाली किसी भी इकाई से रिहायशी क्षेत्र भी औद्योगिक क्षेत्र जैसे हो जाएंगे। पार्किंग की भी समस्या होगी और भीड़भाड़ भी बढ़ेगी। जबकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के बिगड़ते स्वरूप पर लगातार चिंता जता रहा है।

-अशोक भसीन, अध्यक्ष, नार्थ दिल्ली रेजीडेंट वेलफेयर फेडरेशन।

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औद्योगिक इकाइयों के लिए अलग से औद्योगिक क्षेत्र बसाए गए हैं, लेकिन सरकारी विभागों की अनदेखी से वहां पर औद्योगिक इकाइयां शिफ्ट ही नहीं हो रहीं। डीडीए की नई योजना से यह स्थिति और बदतर होगी। अब उद्यमी अपने घर या वहीं कहीं आसपास में औद्योगिक इकाई लगा लेंगे। निस्संदेह इससे समस्याएं बढ़ेंगी ही।

-आर जी गुप्ता, नगर योजनाकार एवं पूर्व योजना आयुक्त, डीडीए।


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