मास्क व सैनिटाइजर की कीमतों में नहीं कर सकते हस्तक्षेप : हाई कोर्ट
मास्क और सैनिटाइ•ार को आवश्यक वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत करने व इनकी कीमतों को विनियमित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि कौन सी वस्तु आवश्यक वस्तुओं में वर्गीकृत की जानी चाहिए यह नीतिगत मामला है और याचिकाकर्ता ने बिना जानकारी के जनहित याचिका दायर की है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
मास्क और सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत करने व इनकी कीमतों को विनियमित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि किस वस्तु को आवश्यक वस्तु के तौर पर वर्गीकृत किया जाए यह नीतिगत मामला है और याचिकाकर्ता ने बिना जानकारी के जनहित याचिका दायर की है। पीठ ने यह भी कहा कि अगर सरकार की राय है कि मास्क और सैनिटाइजर आसानी से उपलब्ध हैं तो इन्हें विनियमित करने की आवश्यकता नहीं है।
पीठ ने कहा कि सिर्फ इसलिए की याचिकाकर्ता को लगता है कि जीएसटी ज्यादा है इस आधार पर इसे कम नहीं किया जा सकता। सामाजिक कार्यकर्ता गौरव यादव और वकील आरती सिंह ने जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार के एक आदेश को चुनौती दी थी जिसमें मास्क और सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर करने और एल्कोहल वाले सैनिटाइजर पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का आदेश दिया गया है जिसे वापस लिया जाना चाहिए।