Move to Jagran APP

Delhi Excise Scam: जेल में ही कुछ और दिन काटेंगे मनीष सिसोदिया, राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

आबकारी नीति घोटाला से जुड़े सीबीआई के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दी है।विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने याचिका खारिज करने का निर्णय सुनाया।

By Vineet TripathiEdited By: Abhi MalviyaPublished: Fri, 31 Mar 2023 04:03 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 06:25 PM (IST)
Delhi Excise Scam: जेल में ही कुछ और दिन काटेंगे मनीष सिसोदिया, राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज हो गई है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आबकारी नीति घोटाला से जुड़े सीबीआई के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इन्कार करते हुए राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआई अदालत ने कहा कि पूरे मामले में आपराधिक साजिश रचने का सिसोदिया को प्रथम दृष्टया सूत्रधार माना जा सकता है।

loksabha election banner

अदालत ने पाया कि लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत का भुगतान उनके और दिल्ली सरकार में उनके अन्य सहयोगियों के लिए था। वहीं इसमें से 20-30 करोड़ रुपये सह-अभियुक्त विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और अनुमोदक दिनेश अरोड़ा के माध्यम से रूट किए गए पाए गए हैं।इसके बदले सिसोदिया ने साउथ लाबी के हितों को संरक्षित करने के लिए आबकारी नीति के कुछ प्रविधानों को संशोधित और हेरफेर करने की अनुमति दी गई।

सीबीआई व ईडी मामले में सिसोदिया वर्तमान में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। अदालत ने 24 मार्च को सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। जमानत याचिका खारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा कि जांच की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अदालत सिसोदिया को जमानत देने की इच्छुक नहीं है क्योंकि उनकी रिहाई से जांच पर न सिर्फ प्रतिकूल असर पड़ेगा, बल्कि गंभीर बाधा आएगी।

अदालत ने कहा कि अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि सह-आरोपित विजय नायर के माध्यम से सिसोदिया ने साउथ लॉबी के संपर्क में था और उनके लिए एक अनुकूल नीति तैयार करना हर कीमत पर सुनिश्चित किया जा रहा था।

इतना ही नहीं पसंदीदा निर्माताओं के कुछ शराब ब्रांडों की बिक्री में और इसे नीति के बहुत उद्देश्यों के विरुद्ध करने की अनुमति दी गई थी। सिसोदिया पर लगाए गए आरोप प्रकृति में गंभीर हैं और 26 फरवरी को ही गिरफ्तारी होने के कारण वह जमानत पर रिहा होने के लायक नहीं हैं क्योंकि उनकी भूमिका की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है।

भागने का नहीं खतरा पर सुबूतों से कर सकते हैं छेड़छाड़

अदालत ने माना कि सिसोदिया के जांच से भागने का खतरा नहीं है, लेकिन सिसोदिया ने अब तक अपने पुराने फोन के साथ ही नीति से जुड़े दस्तावेजों को नष्ट करने या उपलब्ध कराने पर कुछ नहीं बताया है। ऐसे में उनके आचरण को देखते हुए जमानत पर रिहा करने की स्थिति में वह खुद व उनके इशारे पर प्रमुख गवाहों को प्रभावित करने या कुछ और सुबूतों को नष्ट करने या छेड़छाड़ करने की गंभीर आशंका हो सकती है।

अदालत ने पत्नी की चिकित्सा स्थिति के आधार पर जमानत देने की सिसोदिया की दलील को भी यह कहते हुए ठुकरा दिया कि पत्नी की न्यूरोलॉजिकल या मानसिक बीमारी लगभग 20 साल पुरानी होने का दावा किया गया है, लेकिन इस संबंध में दस्तावेज वर्ष 2022-2023 का दाखिल किया गया है।

सीबीआई की दलील

सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि शराब कारोबार से जुड़े दक्षिण समूह ने ओबरॉय होटल में हुई बैठक में सिसोदिया के कम्प्यूटर से प्रिंटआउट लिए थे।इसके बाद उन्होंने जैसा चाहा वैसा नीति में बदलाव किया गया था।अगर, उन्हें जमानत दी जाती है ताे वह जांच को कुंद कर देंगे और उनके द्वारा सुबूतों को नष्ट करने का निरंतर अभ्यास होता रहा है।

सिसोदिया ने मांगी थी जमानत

अपने स्वास्थ्य व पत्नी के देखभाल समेत अन्य आधार पर सिसोदिया ने जमानत दिए जाने का अदालत से अनुरोध किया था।यह भी कहा था कि हिरासत में लेकर पूछताछ की अब जरूरत नहीं है और गवाहों को धमकाने या सुबूतों से छेड़छाड़ का कोई उचित प्रमाण नहीं है।

यह है मामला

आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सिसाेदिया को गिरफ्तार किया था और अदालत ने उन्हें छह मार्च को न्यायिक हिरासत में जेल में भेज दिया था।वहीं, मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने सिसोदिया को नौ मार्च को तिहाड़ जेल के अंदर गिरफ्तार किया और 22 मार्च को अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.