Onion Price: दिल्ली के कृषि भवन के सामने 22 रुपये प्याज के लिए लगी लंबी लाइन
जानकारी के मुताबिक जब लोगों को पता चला कि यहां पर 22 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज मिल रही है तो लंबी-लंबी कतारें लग गई।
नई दिल्ली, ऑन लाइन डेस्क। प्याज की आसमान छूती कीमतों से लोग काफी परेशान हैं। इससे राहत देने के लिए नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) ने कृषि भवन के बाहर सस्ता प्याज बेचना शुरू किया तो भीड़ उमड़ पड़ी। प्याज लेने के लिए लंबी कतार लग गई।
एनसीसीएफ 22 रुपये किलो प्याज बेच रहा था, जबकि बाजार में यह 80-100 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। इस दौरान फेडरेशन के सदस्य एक व्यक्ति को अधिकतम 50 रुपये का ही प्याज दे रहे थे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग ले सकें। इस दौरान कृषि भवन स्थित कार्यालयों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी भी लाइन में लगे दिखाई दिए। भीड़ इतनी अधिक थी कि दोपहर 2.30 बजे तक वाहन में मौजूद प्याज खत्म हो गया। कई लोग प्याज न मिलने पर मायूस भी दिखे।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में प्याज के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा हैं। ऐसे में लोगों को राहत देते हुए एनसीसीएफ (NCCF) प्याज बेच रहा है। इससे पहले भी सितंबर 2019 में भी NCCF ने 22 रुपये में प्याज बेचा था। तब भी सस्ती प्याज लेने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गई थी।
उधर, प्याज की बढ़ते दाम के खिलाफ विपक्ष ने दिल्ली सरकार की आलोचना की है। प्याज की आसमान छूती कीमतों से गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को गले में प्याज की माला डालकर दिल्ली सचिवालय पर आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल रहीं। चोपड़ा व पुलिस के बीच उस समय तीखी झड़प हुई जब वह बेरिकेड पार कर दिल्ली सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे। बड़ी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया।
वहीं दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने प्याज की बढ़ती कीमतों के खिलाफ दिल्ली सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकालकर उपराज्यपाल अनिल बैजल से शिकायत की। उन्होंने उपराज्यपाल को दी शिकायत में दिल्ली सरकार पर प्याज की बढ़ती कीमतों में घोटाले का आरोप लगाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। मुलाकात के बाद विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को बताया कि दिल्ली सरकार प्याज को लेकर उत्पन्न हुई स्थिति से निपटने में विफल रही है। इस मामले में सरकार की जमाखोरों से सांठगांठ है जिसकी जांच होनी चाहिए।
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