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श्रोताओं ने ऑनलाइन कविता पाठ व गजलों का लिया आनंद

काविश-द बिगिनिग संस्था द्वारा फेसबुक लाइव के माध्यम से एक ऑनलाइन काव्यपाठ कार्यक्रम आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 09:09 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 09:09 PM (IST)
श्रोताओं ने ऑनलाइन कविता पाठ व गजलों का लिया आनंद
श्रोताओं ने ऑनलाइन कविता पाठ व गजलों का लिया आनंद

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: काविश-द बिगिनिग संस्था द्वारा फेसबुक लाइव के माध्यम से एक ऑनलाइन काव्यपाठ कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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कार्यक्रम से जुड़े युवा कवि विशाल 'स्वरूप' ठाकुर ने कहा कि कविता हमारे जीवन से तनाव दूर करती है और अलौकिक रस प्रदान करती है, उन्होंने अपनी कविता 'क्योंकि मैं किसान हूं' का पाठ किया। इसके साथ ही कुछ गजलें भी सुनाई। वहीं, कवि व प्रोफेसर प्रभांशु ओझा ने अपनी अवधि भाषा में लिखी कविता 'कुकरो बनाया तो देसी बनाया' का पाठ किया।

इस अवसर पर कवयित्री शुभी सक्सेना ने 'रात भर आती रहीं हिचकियां' और कुछ गजलों के शेर सुनाए। कवि आशुतोष नंदन ने कोरोना व पर्यावरण विषय पर कविता पाठ किया। इनके साथ ही कवयित्री निशा गहलोत व आकांक्षा सक्सेना ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को आनंदित किया। इस मौके पर हंसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर रमा शर्मा, वेद प्रकाश मिश्रा, कार्यक्रम संयोजक आसिफ खान भी शामिल रहे।


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