पत्तियों से बनेगी खाद, लैंडफिल साइट से बोझ होगा कम
फोटो: 15 डेल 601 - प्रदूषण को लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने उठाए कदम - पत्तियों को उठाने
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली में प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचकर लोगों की सांस में जहर घोल रहा है। इसको लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने आधुनिक मशीनों को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। इससे निगम पेड़ों की पत्तों को बिना धूल उड़ाए उठा सकेगा और चंद मिनटों में बारिक कर उसका खाद बनाया जा सकेगा।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के उद्यान विभाग ने इसके लिए आधुनिक चिपर. लीफ पिकर, हैज ट्रिमर मशीनों, लॉन मूवर मशीनो, ब्रश कटर मशीनों और पोल परूनर मशीनों का उपयोग शुरू कर दिया है। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इससे पत्तों को जलाने के मामले भी रुक सकेंगे और लैंडफिल साइट पर बोझ भी कम होगा।
उन्होंने बताया कि मशीनों के इस्तेमाल से पार्को का रखरखाव सुगम और तीव्र होगा साथ ही नर्सरियों और 30 से अधिक हरित कचरा प्रबंधन केंद्रों में यह मशीनें उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि नई खरीदी गई मशीनों को चारों जोन के विभिन्न पार्कों में तैनात किया गया है।
निगम के अनुसार, लीफ पिकर मशीनें तेजी से पार्को और सड़कों से पत्ते अपने भीतर एकत्रित कर लेती हैं और इन्हें आधुनिक श्रेडर-चिपर मशीनों में डाल कर कुछ मिनट में महीन बना दिया जाता है। महीन बनाए गए पत्तों को तुरंत क्यारियों में डालकर खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 10 नई लीफ पिकर मशीनें और 10 नई आधुनिक श्रेडर मशीनें निगम के बेड़े में शमिल हो गई हैं। इससे रोजाना 40 टन हरित कचरे को खाद के रूप में बदला जा सकेगा।