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कन्वर्जन चार्ज को लेकर दुकानदारों व निगम में बढ़ा टकराव

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कन्वर्जन चार्ज व पार्किंग शुल्क को लेकर पुरानी दिल्ली के दुकानदारा

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 08:57 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 08:57 PM (IST)
कन्वर्जन चार्ज को लेकर दुकानदारों व निगम में बढ़ा टकराव
कन्वर्जन चार्ज को लेकर दुकानदारों व निगम में बढ़ा टकराव

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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कन्वर्जन चार्ज व पार्किंग शुल्क को लेकर पुरानी दिल्ली के दुकानदारों और नगर निगम में टकराव बढ़ गया है। उत्तरी नगर निगम जहां कन्वर्जन चार्ज को लेकर दबाव बना रहा है, वहीं व्यापारी मास्टर प्लान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए व्यापारी इससे इन्कार कर रहे हैं। इस कारण सोमवार को सिविक सेंटर में पुरानी दिल्ली के व्यापारियों के साथ बैठक बेनतीजा रही। इस बैठक में उपायुक्त रुचिका कत्याल, सिटी एसपी जोन के चेयरमैन मो. सादिक, भगीरथ पैलेस इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा व द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन कूचा महाजनी के अध्यक्ष योगेश सिंघल समेत अन्य कारोबारी नेता व अधिकारी मौजूद रहे।

कुछ माह पहले टाउन हाल में व्यापारियों के साथ बैठक में उपायुक्त रुचिका कत्याल ने दोटूक कहा था कि वर्ष 1962 के बाद के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को कन्वर्जन चार्ज व पार्किंग शुल्क देना होगा। इसके बाद से नगर निगम ने कन्वर्जन चार्ज व पार्किंग शुल्क को लेकर पुरानी दिल्ली के व्यापारियों को नोटिस भेजने का क्रम शुरू किया है। इससे पुरानी दिल्ली में ऊहापोह का माहौल है।

वैसे, सोमवार को कन्वर्जन चार्ज को लेकर नगर निगम व पुरानी दिल्ली के व्यापारी नेताओं की दूसरी बैठक थी। इसके पहले 26 नवंबर को भी सिटी एसपी जोन में वृहद बैठक हुई थी। उस बैठक में आम राय बनी कि अगली बैठक में व्यापारी कन्वर्जन चार्ज को लेकर कोर्ट के आदेशों को खंगालेंग।े इसके साथ ही अन्य दस्तावेजों को भी इकट्ठा कर नगर निगम के सामने रखेंगे।

सोमवार की बैठक के बाद भगीरथ पैलेस इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में पुरानी दिल्ली के बाजारों में कन्वर्जन चार्ज की वसूली पर रोक लगाया हुआ है। इसके साथ ही अब तक के मास्टर प्लान में इस इलाके को व्यावसायिक क्षेत्र घोषित रखा गया है, क्योंकि चांदनी चौक समेत पुरानी दिल्ली के अन्य इलाके में मुगल काल से व्यवसाय होता आ रहा है। ऐसे में इस इलाके में कन्वर्जन चार्ज वसूलने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारी हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर कन्वर्जन चार्ज लगाने का तर्क दे रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया है। यह पक्ष भी बैठक में नगर निगम के अधिकारियों के सामने रखा गया है। बैठक के बाद सिटी-एसपी जोन के चेयरमैन मो. सादिक ने कहा कि बैठकों का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। व्यापारियों को विश्वास में लेकर ही कन्वर्जन चार्ज वसूल जाएगा।


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