जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली: एसिड हमले का शिकार हुई लक्ष्मी अग्रवाल मंगलवार को एनजीओ स्माइल फाउंडेशन के कार्यक्रम 'स्वाभिमान' में पहुंचीं और स्कूली छात्राओं से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने आपबीती सुनाकर छात्राओं का हौसला बढ़ाया। इस दौरान लक्ष्मी ने कहा कि जीवन में कभी भी किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए।
लक्ष्मी ने बताया कि कैसे 15 साल की उम्र में उनसे दोगुनी उम्र के व्यक्ति ने उन पर एसिड से हमला किया। वह ढाई साल लगातार अस्पताल में रहीं और कई दर्दनाक ऑपरेशन से गुजरना पड़ा। ऑपरेशन के बाद पहली बार अपना चेहरा देखने के बाद उनके मन में आत्महत्या का भी ख्याल आया, लेकिन परिवार से मिले सहयोग ने उनकी हिम्मत बढ़ाई। लक्ष्मी ने बताया कि चेहरा खराब होने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना संघर्ष जारी रखा। उनके संघर्ष के दिनों में परिवार ने उनका पूरा साथ दिया जिसके फलस्वरुप आज पूरा विश्व उन्हें स्वीकार रहा है।
लक्ष्मी की बात सुन रही छात्राएं भी उनसे जुड़ी हुई नजर आई। उन्होंने लक्ष्मी से कई सवाल किए और उनका धन्यवाद दिया। छात्रा शबनम ने कहा कि उनकी कहानी सुनकर वह बहुत प्रभावित हुई है और उसमें चीजों से लड़ने का नया हौसला मिला है। स्वाभिमान कार्यक्त्रम के जरिए स्माइल फाउंडेशन स्लम में रहने वाली लड़कियों के लिए स्कॉलरशिप कार्यक्त्रम चला रहा है। छात्राएं जीवन में सभी बाधाओं को पार कर सकें इसीलिए संस्था ने छात्राओं के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया। लक्ष्मी द्वारा डिजाइन की गई ड्रेसेज कई फैशन शो का हिस्सा बन चुकी हैं।