खौफ में न अतिक्रमण किया और न ही करने दिया
दिल्ली के बड़े खुदरा बाजारों में शुमार लक्ष्मीनगर मेन मार्केट में बुधवार को डीसी (निगम उपायुक्त) बीएम मिश्रा के आदेश का खौफ स्पष्ट नजर आया। दुकानदार न केवल अपनी जद में सिमटे नजर रहे बल्कि उन्होंने अपनी दुकानों के आगे किसी को भी अतिक्रमण करने नहीं दिया।
सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली
दिल्ली के बड़े खुदरा बाजारों में शुमार लक्ष्मीनगर मेन मार्केट में बुधवार को बदला-बदला सा नजारा देखने को मिला। दुकानदार न केवल अपनी जद में सिमटे रहे, बल्कि अपनी दुकानों के आगे किसी को रेहड़ी-पटरियां भी नहीं लगाने दी। उन्होंने अतिक्रमण कर लगाए गए अपने बोर्ड भी उतारने शुरू कर दिए। लक्ष्मीनगर में ऐसा दृश्य पहली बार देखने को मिला और लोग भी आराम से आवाजाही करते नजर आए।
मंगलवार को हुए निगम उपायुक्त (डीसी ) बीएम मिश्रा के दौरे के कारण यह संभव हुआ। उन्होंने 10 दिनों में सड़क की पैमाइश कराकर अवैध निर्माण को बुलडोजर से गिराने का आदेश दिया था। दौरे के दौरान स्थानीय पार्षद संतोष पाल ने उन्हें बताया था कि मास्टर प्लान में दर्ज आंकड़ों के अनुसार मार्केट में सड़क की चौड़ाई 80 फुट है, लेकिन मौजूदा चौड़ाई मात्र 30 फुट है। उस पर भी रेहड़ी-पटरी वाले खड़े रहते हैं। इसके बाद ही डीसी ने अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
इस आदेश का खौफ पूरे बाजार में देखने को मिला। किसी भी दुकानदार ने दुकान का सामान बाहर नहीं रखा और रेहड़ी वालों को भी दुकान नहीं लगाने दी। खुला-खुला रास्ता देखकर ग्राहक भी संतुष्ट नजर आए। शुरू हुई सड़क की पैमाइश
डीसी के आदेश पर बुधवार से ही सड़क की चौड़ाई की पैमाइश शुरू कर दी गई। निगम अधिकारियों ने कई जगहों पर पैमाइश की। विकास मार्ग से प्रवेश करने पर सड़क की चौड़ाई बहुत कम है। यहां भी पैमाइश की गई। हालांकि, कई दुकानदारों का कहना है कि मास्टर प्लान में यहां की चौड़ाई गलत दर्ज है। कुछ दुकानदारों ने सड़क के हिस्से पर जरूर कब्जा किया है। इसलिए सिर्फ उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वर्जन
अतिक्रमण की वजह से रोजाना हजारों लोग परेशान होते हैं। दुकानदार सिर्फ अपना फायदा देखते हैं, उन्हें लोगों की परेशानी से कोई वास्ता नहीं रहता। इसलिए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बीएम मिश्रा, निगम उपायुक्त