कानून-व्यवस्था से अलग होगी पुलिस की जांच टीम
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उपराज्यपाल अनिल बैजल ने गुरुवार को कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उपराज्यपाल अनिल बैजल ने गुरुवार को कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें जाच अभियोजन और सजा दिलाने की दर की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए गए उपायों पर चर्चा हुई। विशेष आयुक्त (अपराध) ने वर्तमान स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि जाच की गुणवत्ता में सुधार के लिए कानून और व्यवस्था से जाच को अलग करने के लिए प्रत्येक जिले के दो पुलिस स्टेशनों में एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। जाच दल इंस्पेक्टर (जाच) के अंतर्गत गठित किए जाएंगे। इस नवनिर्मित जाच दल को पर्याप्त कर्मचारी व संसाधन दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) प्रोजेक्ट कोर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) संस्करण को 3.0 से 4.5 तक अपग्रेड किया गया है। इस प्रणाली से पुलिस ऑनलाइन रोजनामचा सही समय पर अपडेट करेगी। एफआइआर, शिकायत, कलंदरा, गुमशुदा और यूआइडीबी रिपोर्ट तैयार होगी। हस्तलिखित रोजनामचे की प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दिल्ली के सभी पुलिस स्टेशनों में 24 घटे के भीतर गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की जानकारी सिटिजन पोर्टल के माध्यम से दिखाई जाएगी। दिल्ली पुलिस अपनी एकीकृत व्यवस्था के माध्यम से कोर्ट, जेल, अभियोजन और एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) से रियल टाइम में जानकारी साझा करेगी। इसके अतिरिक्त यह प्रणाली डायल 100 के साथ भी एकीकृत की जाएगी, जिसमें पीसीआर में आई हुई कॉल सीधे संबंधित पुलिस स्टेशनों में कार्रवाई के लिए भेज दी जाएंगी। बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), प्रधान सचिव कानून, पुलिस आयुक्त, विशेष एवं संयुक्त पुलिस आयुक्त भी मौजूद रहे।