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70 मौतों का जिम्मेदार महज एक, जुर्माना भी 21 हजार

70 लोगों की मौत सिर्फ एक जेई (जूनियर इंजीनियर) को जिम्मेदार माना गया और उसे भी महज एक वर्ष तक पांच प्रतिशत पेंशन राशि काटने की सजा सुनाई गई है। निगम के इस फैसले पर नियुक्ति व अनुशासनात्मक मामलों की समिति ने भी मुहर लगा दी है। हालांकि समिति ने सिर्फ एक व्यक्ति पर कार्रवाई किए जाने को

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 10:03 PM (IST)
70 मौतों का जिम्मेदार महज एक, जुर्माना भी 21 हजार
70 मौतों का जिम्मेदार महज एक, जुर्माना भी 21 हजार

सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली

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नवंबर 2010 में ललिता पार्क इलाके में हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था। पांच मंजिला इमारत ढहने से 70 लोगों की मौत हुई थी और 77 लोग घायल हुए थे। लेकिन, इन सबकाजिम्मेदार नगर निगम के सिर्फ एक जेई (जूनियर इंजीनियर) राजेंद्र कौशिक को माना गया और जुर्माना महज 21 हजार रुपये लगाया गया। वह भी एक वर्ष में पेंशन से काटा जाएगा। नगर निगम के इस फैसले पर नियुक्ति एवं अनुशासनात्मक मामलों की समिति ने भी बुधवार को मुहर लगा दी। समिति ने सिर्फ एक व्यक्ति पर कार्रवाई को तो अनुचित बताया, लेकिन मामूली कार्रवाई पर कुछ जवाब नहीं दिया।

ललिता पार्क के इस भवन में हर मंजिल पर छज्जे से ही दीवारें खड़ी की गई थीं। भवन में करीब 200 लोग रहते थे और रविवार का दिन होने की वजह से करीब 150 लोग मकान में ही थे। तभी हादसा हुआ। 70 लोगों की दर्दनाक मौत और 77 लोगों के घायल होने पर पुलिस ने मकान मालिक अमृत ¨सह को गिरफ्तार किया था, जबकि निगम ने कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इनमें जेई सीबी ¨सह और एई राकेश कुमार भी शामिल थे। हालांकि, इन दोनों को बाद में एक अन्य मामले में निगम ने बर्खास्त कर दिया था। निगम के सतर्कता विभाग ने 2012 में दाखिल किया था आरोप पत्र

ललिता पार्क मामले में 2012 में जेई राजेंद्र कौशिक के खिलाफ निगम के सतर्कता विभाग ने आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र में कहा गया कि जो इमारत गिरी थी, उसकी तीसरी व चौथी मंजिल को वर्ष 2005 में बनाया गया था, लेकिन मिलीभगत की वजह से इस अवैध निर्माण को नहीं रोका गया और न ही अवैध निर्माण वाली इमारत को सील किया गया। सतर्कता विभाग ने इस मामले में पांच प्रतिशत पेंशन एक वर्ष तक काटने की सिफारिश की, जिसे नियुक्ति समिति ने भी मंजूर कर लिया। जेई राजेंद्र कौशिक 2016 में निगम से सेवानिवृत्त हो गया। उसे करीब 35 हजार रुपये पेंशन मिलती है। अब उसकी पेंशन से 12 महीने तक 1750 रुपये कटेंगे। वर्जन

मेरे साथ गलत हुआ है। वह इलाका सिर्फ साढ़े पांच महीने तक मेरे कार्यक्षेत्र में था। उस अवधि में निर्माण नहीं हुआ था। सिर्फ उस मकान में बिजली का लोड बढ़वाया गया था।

राजेंद्र कौशिक, घटना का जिम्मेदार माना जा रहा सेवानिवृत्त जेई

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सिर्फ एक जेई के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि इस घटना के लिए निगम अधिकारियों की पूरी चेन जिम्मेदार है। सभी को सजा दी जानी चाहिए थी, क्योंकि इतनी बड़ी इमारत साढ़े पांच महीने में नहीं बनी होगी। हमने संबंधित अधिकारियों को और छानबीन करने का निर्देश दिया है।

गुंजन गुप्ता, चेयरपर्सन, नियुक्ति समिति, पूर्वी निगम

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इस मामले में किस तरह की जांच हुई और उसकी क्या रिपोर्ट है, उसे देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि, इतने बड़े हादसे के लिए सिर्फ एक ही व्यक्ति जिम्मेदार नहीं हो सकता है। इसकी जांच करवाई जाएगी।

बिपिन बिहारी ¨सह, महापौर, पूर्वी दिल्ली


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