लोग नहीं भूल सकते 30 जून, 2018 की वह रात, 4 वर्ष बाद भी रहस्य है 11 लोगों की मौत
2018 Burari Suicide Case बुराड़ी कांड दिल्ली पुलिस के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों में से एक साबित हुआ क्योंकि यह एक ऐसा केस रहा जिसमें किसी बात का लाजिक समझ नहीं आ रहा था। लोगों को अब भी यकीन नहीं है कि टोने-टोटके के चलते यह सब हुआ।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Burari deaths Case : देश के लोग 30 जून, 2018 की वह रात कभी नहीं भूल सकते हैं, जब दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोग एक घर में फांसी पर झूल गए थे। अब भले ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुराड़ी डेथ केस को बंद कर दिया है, जो कि एक ही परिवार के 11 सदस्यों के सुसाइड का मामला था, लेकिन लोगों की नजर में यह अब भी अनसुलझा है।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले में किसी तरह की गड़बड़ी के सबूत नहीं मिले हैं और यह मौतें किसी सुसाइड पैक्ट (Suicide Pact) का नतीजा है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासे के बावजूद इतने सवाल हैं कि शायद ही कभी लोग बुराड़ी में 11 लोगों की मौत का सही राज सामने आ सके। यह तो तय है कि 11 लोगों ने सुसाइड ही किया था, लेकिन क्यों? इस सवाल पर से पर्दा शायद ही कभी उठे।
दरअसल, परिवार ने ललित की अगुवाई में अनुसंधान करने की ठानी थी, लेकिन हो गया हादसा। इसके लिए भाटिया परिवार ने आत्महत्या वाली रात यानी 30 जून से पहले करीब 6 दिन तक फांसी पर लटकने की प्रैक्टिस की थी। यह भी पता चला है कि प्रैक्टिस के दौरान सभी के हाथ खुले रहते थे। वहीं, हादसे यानी 30 जून, 2018 की रात को सिर्फ ललित और उसकी पत्नी टीना के हाथ खुले थे और बाकी सबके हांथ बंधे हुए थे।
ललित की पत्नी ने खरीदा था स्टूल
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में भाटिया परिवार के सदस्य फांसी लगाने के लिए सामान लेकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जारी फुटेज में ललित की पत्नी टीना और श्वेता दुकान से स्टूल लेकर घर जाते हुए दिखाई दे रही हैं, जबकि इनके बच्चों के हाथों में बिजली के तार थे। जांच के दौरान इस बात की पुष्टि भी हुई है कि परिवार के सदस्यों ने स्टूल पर चढ़कर फांसी लगाई थी और सबके हाथ तारों से बंधे थे और बरगद की तरह लटके थे।
बिजली के तार लेकर आए थे बच्चे
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया था कि ललित की पत्नी टीना और भूपेंद्र की पत्नी श्वेता दुकान से स्टूल खरीदकर आई थीं, यह सब सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ था। यह फुटेज घटना यानी 30 जून की रात करीब 10:04 बजे का है। फुटेज में घर के दोनों बच्चे बिजली के तार लेकर आते हुए दिखाई दे रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज ने खोले थे कई राज
क्राइम ब्रांच की टीम ने 29 जून की सुबह से देर रात तक ललित के घर के पड़ोस व आसपास में रहने वाली कई महिलाओं व पुरुषों से मरने वाले सभी 11 लोगों के स्वभाव के बारे में विस्तृत पूछताछ की थी। क्राइम ब्रांच की टीम 30 जून को जब बुराड़ी के संत नगर की गली नंबर दो में जाकर जांच की तो चार सीसीटीवी कैमरे लगे हुए पाए गए थे।
एक कैमरा मंदिर के पास, एक ललित के मकान के सामने, एक उसकी दुकान के सामने व एक गली के अंतिम छोर पर मिला। चारों कैमरे की फुटेज की जांच करने पर क्राइम ब्रांच को सनसनीखेज जानकारी मिली थी।
दुकान के कर्मचारी सुनील से पूछताछ करने पर उसने चार स्टूल खरीदने की पुष्टि कर दी थी। इससे साबित हो रहा है कि फंदे पर लटकने की योजना सभी ने सामूहिक रूप से पहले ही बना ली थी। आशंका है किसी स्टूल का एक व्यक्ति तो किसी का दो लोगों ने मिलकर इस्तेमाल किया हो।
ललित खुद टेप लेकर आया था
इसके अलावा, अन्य सीसीटीवी फुटेज में ललित पॉलिथीन में सामान लेकर आता हुआ दिख रहा है। पॉलिथीन में डॉक्टर टेप और काली वस्तु दिखाई दे रही है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि ललित या परिवार का कोई ओर सदस्य कभी खुद सामान लेने नहीं जाया करते थे, लेकिन वह विशेष रूप से टेप लेने के लिए दुकान में गए थे।
पता भी चला था कि ललित ने पूरे परिवार के लिए बाहर से खाना ऑर्डर किया था, लेकिन खाना लेने के बाद ललित ने युवक को रुपये नहीं दिए। उसने युवक को रुपये लेने के लिए भूपेंद्र के पास भेज दिया था।
पढ़ें क्या लिखा था डायरी के पन्नों में
बेहद सुंदर व आकार में छोटी डायरी में परिवार की बेटी प्रियंका ने शुरुआत ही इस बात से की थी कि मैं जो बात आपको बताने जा रही हूं, उससे मैं आपकी नजरों से गिर सकती हूं। अगले पेज पर वह मॉडल टाउन में रहने वाले एक लड़के का नाम लिखते हुए उसे अपना दोस्त बताती है और यह भी लिखती है कि अब वह घर खाली करके जा चुका है। इसके बाद आगे के पेज पर प्रियंका जीवन के बारे में मामा ललित द्वारा दी गई नसीहतों का जिक्र करती है। यह भी भरोसा दिलाने की कोशिश करती है कि वह शादी के बाद अपने ससुराल में ठीक से रहेगी। वहां सबको खुश रखेगी और किसी को शिकायत का मौका नहीं देगी। इसके अलावा इस डायरी के आखिरी के कुछ पेज खाली मिले थे।