Delhi Door To Door Ration Scheme : जानिए क्या थी केजरीवाल सरकार की डोर-टू-डोर राशन योजना
केजरीवाल सरकार ने केंद्र की योजना में बदलाव करते हुए गेंहू के जगह उतना ही आटा चावल चीनी पैक कर लोगों के घर तक पहुंचाने का काम शुरू किया था। हालांकि केजरीवाल सरकार के डोर-टू-डोर राशन वितरण योजना पर आपत्ति थी।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। केजरीवाल सरकार की डोर टू-डोर राशन योजना बृहस्पतिवार को रदद कर दी गई। हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले से दिल्ली सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, सालभर पहले केजरीवाल सरकार ने घर-घर राशन के पैकेट बांटने की शुरुआत की थी। सरकार का तर्क था कि राजधानी दिल्ली में इस योजना की शुरुआत कर राशन माफिया का राज खत्म कर दिया।
इसके साथ ही राशन डीलरों की परेशानी भी खत्म हो गई। दुकानों पर राशन लेने वाले लोगों को भी लंबी-लंबी कतार में लगने से काफी राहत मिली थी। हालांकि केजरीवाल सरकार के डोर-टू-डोर राशन वितरण योजना से केंद्र सरकार नाखुश थी, क्योंकि केंद्र के राशन को घर-घर पहुंचाकर केजरीवाल सरकार खुद इसका श्रेय ले रही थी।
राशन कार्ड धारकों को मिल रहा था 8 किलो गेहूं व 2 किलो चावल
दिल्ली में राशन योजना के तहत कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति 8 किलो गेहूं और 2 किलो चावल के हिसाब से अनाज का वितरण किया जा रहा था। वहीं, केजरीवाल सरकार ने केंद्र की योजना में बदलाव करते हुए गेंहू के जगह उतना ही, आटा ,चावल, चीनी पैक कर लोगों के घर तक पहुंचाने का काम शुरू किया था। हालांकि केजरीवाल सरकार के डोर-टू-डोर राशन वितरण योजना पर आपत्ति थी।
सबसे पहले केंद्र की योजना पर मुख्यमंत्री शब्द के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति थी। केंद्र का तर्क था कि राशन का वितरण नैशनल फूड सिक्योरिटी ऐक्ट के अंतर्गत होता है। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है। अगर बदलाव होता है तो उसका अधिकार केवल संसद के पास था।
इन योजनाओं का भी मिल रहा था लाभ: इस योजना के साथ ही दिल्लीवासी 8 डिपार्टमेंट की 40 सेवाओं का लाभ घर बैठे ले सकते हैं। इन 40 सर्विसेस में 13 गवर्मेंट सर्विसेज, 11 ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट सर्विसेस, 4 सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की सर्विसेस, 2 राशन डिपार्टमेंट की सर्विसेज, 5 दिल्ली जल बोर्ड की सर्विसेस, 2 लेबर डिपार्टमेंट की सर्विसेस, 2 महिला और बाल विभाग की सर्विसेस और 1 लॉ और जस्टिस विभाग की सर्विस शामिल थी।