पढ़िए- शादी करने जा रही युवतियां आखिर 'किस खौफ' से पहुंच रही हैं थाने?
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अब तक एक-एक कर 10 से अधिक युवतियां पुलिस के साथ यह जानने के लिए पहुंचीं कि उनके होने वाले दूल्हे/पति का कोई आपराधिक इतिहास (क्रिमिनल रिकॉर्ड) तो नहीं है?
गाजियाबाद, जेएनएन। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर शादी करने से पहले युवतियां अपने होने वाले दूल्हे/पति की तहकीकात में यूपी पुलिस के पास पहुंच रही हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अब तक एक-एक कर 10 से अधिक युवतियां पुलिस के साथ यह जानने के लिए पहुंचीं कि उनके होने वाले दूल्हे/पति का कोई आपराधिक इतिहास (क्रिमिनल रिकॉर्ड) तो नहीं है? युवतियों द्वारा पुलिस से की गई यह गुजारिश महकमे के लिए हैरानी के साथ चिंता का विषय भी है, क्योंकि किसी की निजी जानकारी देना कानूनी दृष्टि से ठीक नहीं है। पुलिस महकमे के नियम भी इसकी इजाजत नहीं देते हैं।
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में ही पिछले कुछ दिनों के दौरान ऐसे तकरीबन 10 गुजारिश भरे पत्र आ चुके हैं। इनमें युवतियों ने पुलिस से गुजारिश की है कि वे उनके होने वाले जीवन साथी के बारे में सबकुछ बताएं। युवतियों का मकसद अपने होने वाले पति का अापराधिक रिकॉर्ड है या नहीं? यह जानना भी होता है।
एक युवती ने अपना नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि कई बार शादी के बाद पता चलता है कि पति का आपराधिक इतिहास है या रहा है? ऐसे में युवतियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। इतना ही नहीं, बेमेल शादी होने पर शादी टूट जाए तो ठीक, वरना तमाम समझौतों के साथ घुट-घुटकर जीवन जीना पड़ता है। शादी से पहले ही एहतियातन इस तरह का कदम उठा रही हूं, जिससे मुझे बाद में पछताना नहीं पड़े।
यह सब जानना चाहती हैं युवतियां
- होने वाले पति का बैकग्राउंड क्या है?
- लड़के का कोई अापराधिक रिकॉर्ड (क्रिमिनल रिकॉर्ड) तो नहीं है?
- लड़के का पासपोर्ट है तो उसमें क्या जानकारी दी गई है?
- लड़के के घर की रजिस्ट्री किसके नाम पर है?
- लड़के का बैंक बैलेंस कितना है?
पुलिस के साथ इस तरह की एप्लीकेशन लेकर पहुंचीं युवतियां लड़के के बारे में हर बारीक जानकारी पुलिस से मांग रही हैं। वहीं, इस मामले में गाजियाबाद के एसपी सिटी श्लोक कुमार का कहना है- प्रार्थना पत्र के जरिये किसी जानकारी नहीं दी जा सकती है। थर्ड पार्टी को जानकारी देना कानूनी नजरिये से भी सही नहीं है।
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