प्रदर्शन के 53वें दिन महिलाओं न संभाला मोर्चा
जागरण संवाददाता बाहरी दिल्ली सिघु बार्डर पर किसानों के प्रदर्शन के 53वें दिन नजारा कुछ
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली:
सिघु बार्डर पर किसानों के प्रदर्शन के 53वें दिन नजारा कुछ बदला-बदला सा देखने को मिला। बार्डर पर सोमवार को महिलाएं ही धरना दे रही थीं, महिलाएं ही मंच का संचालन कर रही थीं और महिलाओं ने ही सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा उठाया। इस दौरान पुरुषों की संख्या काफी कम रही। दरअसल सोमवार को सिघु बार्डर पर प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के ही नाम रहा। एक तरफ जहां महिलाएं मंच का संचालन करती दिखीं, वहीं दूसरी ओर कुछ महिलाओं ने हाथों में डंडे पकड़कर किसी भी असामाजिक तत्व को मंच पर व धरना स्थल पर पहुंचने से रोका। इन महिलाओं ने 'आंदोलन के समर्थन में पहुंची किसान की बेटी' के झंडे भी लिए हुए थे।
प्रदर्शन में महिलाओं के साथ-साथ काफी संख्या में बच्चे भी मौजूद थे। जबकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से महिलाओं व बच्चों को घर भेजने को कहा गया है। 53 दिन से जारी धरने में 52 दिन से पुरुषों ने ही मोर्चा संभाला हुआ था। यह पहला दिन था, जब महिलाएं भी किसानों के समर्थन में आगे आई हैं। ट्रालियों में सवार होकर पहुंची महिलाएं
सिघु बार्डर पर सोमवार को महिलाएं काफी संख्या में मौजूद रहीं। पंजाब से गाड़ियों व ट्रालियों में सवार होकर भारी संख्या में महिलाएं पहुंची। इसके अलावा कुछ ट्रालियों में सवार होकर हरियाणा से भी महिलाएं आई। हालांकि मंच संचालन पंजाब की महिलाओं के ही हाथ में रहा। कॉलेज की छात्राओं ने भी लिया हिस्सा
प्रदर्शन में कालेज की छात्राओं ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने अपने गीत से महिलाओं की हौसलाअफजाई की। हालांकि पंजाब से आई छात्राओं के गीतों में भी कृषि कानूनों के बारे में कम व सरकार के खिलाफ ज्यादा पंक्तियां लिखी गई थी।