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अंशु प्रकाश मामले में केजरीवाल-सिसोदिया को राहत

दिल्ली सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में गवाह के बयान की जानकारी उपलब्ध कराने की मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मांग को अस्वीकार करने के निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:01 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 07:01 PM (IST)
अंशु प्रकाश मामले में केजरीवाल-सिसोदिया को राहत
अंशु प्रकाश मामले में केजरीवाल-सिसोदिया को राहत

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कोर्ट ने राहत दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि सुबूत पेश करने में पुलिस पिक एंड चूज की प्रक्रिया नहीं अपना सकती है। प्रकरण में गवाह वीके जैन का बयान केस डायरी का हिस्सा है और आरोपित द्वारा पेश किया गया है। पीठ ने निचली अदालत को निर्देश दिए कि आरोप तय करने के संबंध में फैसला देते समय 21 फरवरी 2018 को गवाह वीके जैन द्वारा दिए गए बयान पर भी विचार करे।

पीठ ने कहा कि यह जांच एजेंसी की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वह निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कर बगैर पिक एंड चूज की प्रक्रिया अपनाए सभी सुबूत निचली अदालत के समक्ष पेश करे। केजरीवाल व सिसोदिया ने अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद के माध्यम से निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें गवाह द्वारा पुलिस को दिए गए बयान की जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। दिल्ली सरकार के स्टैंडिग काउंसल राहुल मेहरा ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि वीके जैन को पुलिस ने 21 फरवरी 2018 को थाने पर बुलाया था, लेकिन उनका बयान दर्ज नहीं किया गया था। जैन का बयान 22 फरवरी 2018 एवं नौ मई 2018 को दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत क्या दस्तावेज आरोपित को देना है, यह अभियोजन पक्ष पर निर्भर करता है। हालांकि, पीठ ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि जैन से 21 फरवरी को लंबी पूछताछ हुई थी और इसकी रिपोर्ट भी तैयार की गई थी। इस पर पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने तो इन्कार किया है कि 21 फरवरी को बयान नहीं दर्ज किया गया था, जबकि केस डायरी से स्पष्ट है कि उस दिन बयान दर्ज हुआ था। पीठ ने कहा कि अभियोजन का पक्ष विरोधाभाषी है, ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सीआरपीसी के तहत बयान नहीं दर्ज होने के कारण इसकी जानकारी देने से इन्कार करने की निचली अदालत की राय को पीठ ने बेतुका करार दिया। निचली अदालत ने कहा था कि केस डायरी के हिसाब से जैन से 21 फरवरी को मौखिक पूछताछ हुई थी। ऐसे में इसकी जानकारी आरोपित को नहीं दी जा सकती है।

अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 25 अक्टूबर को केजरीवाल व सिसोदिया समेत 11 आप विधायकों को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। आरोप है कि 19 फरवरी 2018 को आप विधायक अमानतुल्लाह खां व प्रकाश जारवाल ने अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की थी।


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