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फायर एनओसी के बावजूद आग बुझाने को नहीं थे होटल में पर्याप्त इंतजाम

- केशवपुरम जोन की उपायुक्त ईरा ¨सघल ने निगमायुक्त को सौंपी रिपोर्ट - होटल संचालक ने एक के सिवाय दूसरी रसोई न चलाने का दिया था हलफमाना निहाल ¨सह, नई दिल्ली करोलबाग के अर्पित होटल में आग की घटना की जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जांच कमेटी की अध्यक्षता कर रही केशवपुरम जोन की उपायुक्त ईरा ¨सघल ने निगमायुक्त वर्षा जोशी को जांच रिपोर्ट में घटना के तथ्यों की जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक निगम की जांच में यह सामने आया है कि अर्पित होटल को दिल्ली के अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) तो मिला हुआ था, लेकिन आग से निपटने के लिए होटल के अंदर पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। होटल में ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग इतना किया गया था, जिसकी वजह से आग ने विकराल रूप ले लिया। इतना हीं होटल संचालको की ओर हेल्थ लाइसेंस लेने के लिए भी झूठा प्रमाण पत्र देने की भी बात सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक होटल की ओर से मई 201

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 11:05 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:05 PM (IST)
फायर एनओसी के बावजूद आग बुझाने को नहीं थे होटल में पर्याप्त इंतजाम
फायर एनओसी के बावजूद आग बुझाने को नहीं थे होटल में पर्याप्त इंतजाम

निहाल ¨सह, नई दिल्ली

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करोलबाग के अर्पित होटल में आग की घटना की जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जांच कमेटी की अध्यक्षता कर रही केशवपुरम जोन की उपायुक्त ईरा ¨सघल ने निगमायुक्त वर्षा जोशी को रिपोर्ट में घटना के तथ्यों की जानकारी दी है।

सूत्रों के मुताबिक निगम की जांच में यह सामने आया है कि अर्पित होटल को दिल्ली के अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) तो मिला हुआ था, लेकिन आग से निपटने के लिए होटल के अंदर पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। होटल में ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग ज्यादा किया गया था, इस कारण आग ने विकराल रूप ले लिया। इतना ही नहीं होटल संचालकों की ओर हेल्थ लाइसेंस लेने के लिए भी झूठा प्रमाण पत्र देने की भी बात सामने आई है।

सूत्रों के मुताबिक होटल की ओर से मई 2018 में हेल्थ लाइसेंस रिन्यू कराया गया था। होटल की ओर से हलफनामा दिया गया था कि वह एक किचन के अलावा कोई दूसरी किचन नहीं चलाएगा। लेकिन, होटल की छत पर और बेसमेंट में भी किचन चल रही थी। ये किचन कैसे चल रहीं थीं इसको लेकर निगम ने अपने ही अधिकारियों से जवाब मांगा है। इसके अलावा इमारत में वर्ष 1993 व 1994 में अवैध निर्माण किया गया था, जिस पर निगम ने कार्रवाई भी की थी। निगम इस पर आगे भी कार्रवाई कर रहा था, लेकिन अदालत से होटल ने निगम की कार्रवाई पर रोक के आदेश ले लिए थे।

आगे न हों ऐसे हादसे, बनें नए नियम

करोलबाग की घटना में यह भी बात सामने आई है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली विशेष प्रावधान एक्ट के तहत यह इमारत संरक्षित थी, जिस पर कार्रवाई नहीं हो सकती थी। इसके चलते निगम की जांच समिति ने इस बात की सिफारिश की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नई गाइडलाइंस बनाई जाई ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली विशेष प्रावधान कानून के तहत अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं हो सकती।


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