भूख हड़ताल पर बैठे जेएनयू के छात्रों की बिगड़ी सेहत
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन के खिलाफ छात्र संघ की तरफ से भूख हड़ताल की जा रही है। सोमवार की रात को यह भूख हड़ताल शुरू हुई थी। 11 छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे। अब इनमें से कुछ छात्रों की सेहत बिगड़ने लगी है। छात्र संघ के अनुसार तीन छात्रों की सेहत बिगड़ने लगी है। छात्र संघ की तरफ से मांग कि जा रही है कि प्रशासन पुस्तकालय के फंड के मुद्दे पर कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा में पारदर्शिता लाने जैसे मामलों पर उनकी बातें सुने। छात्र संघ का आरोप है कि प्रवेश परीक्षा को पारदर्शी तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। हम इन मुद्दों पर संस्थान के कुलपति से बातचीत करना चाहते हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन के खिलाफ छात्र संघ सोमवार रात से भूख हड़ताल पर है। ग्यारह छात्रों में से तीन की सेहत अब बिगड़ने लगी है। छात्र संघ का कहना है कि पुस्तकालय फंड, कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा में पारदर्शिता लाने जैसे मामलों में प्रशासन उनकी बात सुने। प्रवेश परीक्षा प्रणाली पारदर्शी तरीके से लागू नहीं की जा रही है। हम इन मुद्दों पर कुलपति से बात करना चाहते हैं। कुलपति न तो बातचीत कर रहे हैं और न ही मिलने के लिए समय दे रहे हैं।
छात्र संघ की ओर से बताया गया कि छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी का शुगर लेवल 43 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (एमजी-डीएल) तक गिर गया है, जोकि ठीक नहीं है। छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव शुभांशु सिंह की तबीयत भी भूख हड़ताल के कारण बिगड़ने लगी है। उन्हें पीलिया हो गया है। छात्र ऐश घोष का ब्लड प्रेशर व शुगर का स्तर कम हो गया है। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है। छात्र संघ ने शुक्रवार शाम 5 बजे परिसर में प्रशासन के खिलाफ पुतला भी जलाया।
वहीं, प्रशासन ने कहा कि हमारी तरफ से छात्रों से हमेशा बातचीत की जाती रही है। हम छात्रों से संवाद कर रहे हैं। प्रवेश परीक्षा पारदर्शी तरीके से ही आयोजित की जा रही है।
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परिसर में सीसीटीवी लगाने का विरोध
छात्र संघ ने कहा कि जेएनयू प्रशासन स्कूल ऑफ लैंग्वेज समेत अन्य जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा रहा है, छात्र इसका विरोध कर रहे हैं। प्रशासन सीसीटीवी के जरिये छात्रों पर चौबीस घंटे नजर रखना चाहता है, जोकि ठीक नहीं है। यह गैरकानूनी भी है।