घायल एबीवीपी के विद्यार्थियों ने बताई आपबीती
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठनों ने सोमवार को एक-दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए थे। अब समर्थकों की पीटाई करने का आरोप लगाया है। एबीवीपी ने मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान पीड़ित विद्यार्थियों ने आपबीती बताई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठनों ने सोमवार को एक-दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए थे। अब समर्थकों की पीटाई करने का आरोप लगाया है। एबीवीपी ने मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान पीड़ित विद्यार्थियों ने आपबीती बताई। एबीवीपी से जुड़ी छात्रा निधि त्रिपाठी ने कहा कि जेएनयू कैंपस में पिछले दो दिनों से माहौल खराब हो गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए वामपंथी छात्र संगठनों के कार्यकर्ता एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीट रहे हैं। अब ये छात्र अब कैंपस के अंदर जाने से डर रहे हैं। इस दौरान घायल छात्रा निहारिका झा, सुजल यादव, चंद्रवीर भाटी, राजेश्वर कात दुबे, दिव्याग छात्र सुशील विश्वकर्मा और ओंमकार प्रेसवार्ता में मौजूद रहे। अस्पताल से छुट्टी लेकर सीधे प्रेसवार्ता में पहुंचे पीएचडी के दिव्याग छात्र सुशील विश्वकर्मा ने बताया कि सोमवार सुबह छह बजे पेरियार छात्रावास के बाहर विद्यार्थियों का एक समूह आया था। छात्रावास के दरवाजे पर छात्रों ने नारे लगाकर कहा कि तुम्हारी कब्र यहीं खोदेंगे। इसके बाद समूह में शामिल छात्रों ने उनपर हमला कर दिया। इस समूह में छात्रसंघ के पूर्व संयुक्त सचिव सुभाशु सिंह भी मौजूद थे।
सुजल यादव ने बताया कि जेएनयू में मतगणना के दिन से एबीवीपी के कार्यकर्ता को पीटने की कोशिश की जा रही है। उस दिन जब हमारे समर्थक विद्यार्थी आशुतोष पर हमला हुआ तो उसे बचाने के दौरान मेरे हाथ में चोट आ गई। प्रशासन से की अपील -
हम प्रशासन से अपील करते हैं कि वह हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करे, जबकि निहारिका ने बताया कि वामपंथी छात्र संगठनों के समर्थक जब छात्राओं और दिव्यागों को नहीं छोड़ रहे हैं तो समझ सकते हैं कि ये लोग किस तरह की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एबीवीपी से नहीं जुड़ी हैं, लेकिन उस दिन वह जब आशुतोष के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थीं तो अचानक से कुछ विद्यार्थी उनकी ओर दौड़ पड़े। इस दौरान छात्रों ने कहा कि ये एबीवीपी के कार्यकर्ता हैं इन्हें मारो। वामपंथी संगठनों ने आरोपों का खंडन किया -
वहीं वामपंथी छात्र संगठनों ने आरोपों का खंडन किया है। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव सुभांशु सिंह ने कहा कि उनपर लगाए गए आरोप गलत हैं। वे उस समय पेरियार छात्रावास के पास मौजूद नहीं थे।