Move to Jagran APP

जेएनयू ने प्रो. अर्चना प्रसाद के खिलाफ गठित की तथ्य खोज समिति

माओवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की सेटर फॉर इनफॉर्मल सेक्टर एंड लेबर स्टडीज की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद के खिलाफ तथ्य खोज समिति का गठन किया है। सोमवार को कार्यकारी परिषद (ईसी) की हुई बैठक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला किया। प्रशासन ने कहा कि इस मामले में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के गांव के लोगों की ओर से प्रो. अर्चना प्रसाद के खिलाफ माओवादी गतिविधियों में शामिल होने की श्किायत की गई, जिसके बाद जांच के लिए यह समिति गठित की गई है। यह जानकारी प्रशासनिक अधिकारी और ईसी के सदस्यों की ओर से दी गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 11:26 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 11:26 PM (IST)
जेएनयू ने प्रो. अर्चना प्रसाद के खिलाफ गठित की तथ्य खोज समिति
जेएनयू ने प्रो. अर्चना प्रसाद के खिलाफ गठित की तथ्य खोज समिति

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : माओवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की सेटर फॉर इनफॉर्मल सेक्टर एंड लेबर स्टडीज की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद के खिलाफ तथ्य खोज समिति का गठन किया है। सोमवार को कार्यकारी परिषद (ईसी) की हुई बैठक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला किया। प्रशासन ने कहा कि इस मामले में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के गांव के लोगों की ओर से प्रो. अर्चना प्रसाद के खिलाफ माओवादी गतिविधियों में शामिल होने की श्किायत की गई, जिसके बाद जांच के लिए यह समिति गठित की गई है। यह जानकारी प्रशासनिक अधिकारी और ईसी के सदस्यों की ओर से दी गई।

prime article banner

वहीं कई शिक्षकों ने इस फैसले का विरोध भी किया है। जेएनयू के ईसी के सदस्य प्रो. सुरजीत मजूमदार ने कहा कि यह मामला 2016 का है, जब प्रो. अर्चना प्रसाद पर यह आरोप लगे थे कि वह माओवादी गतिविधियों में शामिल हैं। उन पर यह आरोप भी लगे थे कि वह बस्तर में एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं, जो माओवादियों के समर्थन में आयोजित किया गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज की थी। मजूमदार ने ईसी की बैठक में प्रशासन द्वारा लिए गए फैसले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी और उस समय कोर्ट ने आदेश दिया था कि प्रो. अर्चना के खिलाफ कोई भी कार्रवाई होती है तो उन्हें चार हफ्ते पहले नोटिस दिया जाएगा। जेएनयू शिक्षक संघ ने लगाया आरोप

वहीं जेएनयू शिक्षक संघ ने प्रशासनिक फैसलों का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन की तरफ से शिक्षकों चुनाव की प्रक्रिया को बदला जा रहा है, जो गलत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.