पूर्व मेजर जनरल का US से सवाल- 'क्या वह बर्दाश्त करेगा लादेन के पक्ष में नारे'
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के तत्वावधान में आयोजित सभा में पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं, लेकिन क्या अमेरिका के किसी विश्वविद्यालय में ओसामा बिन लादेन के लिए नारेबाजी होती है,
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी की घटना के बाद पहली आम सभा बुधवार को प्रशासनिक भवन के बाहर बहुत ही तनावपूर्ण माहौल में आयोजित की गई। इसमें देश के पूर्व सैन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया और अपनी बात रखी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के तत्वावधान में आयोजित सभा में पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं, लेकिन क्या अमेरिका के किसी विश्वविद्यालय में ओसामा बिन लादेन के लिए नारेबाजी होती है, तो वहां कैंडल जलाने की अनुमति दी जाती है।
क्या अमेरिका ओसामा के पक्ष में नारे बर्दाश्त करेगा? उन्होंने कहा कि आज यदि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं तो इसकी बड़ी वजह यह है कि वे अमेरिका की सीमा में पैदा हुए हैं। वे वहां के नागरिक हैं। राष्ट्रवाद पर बहस हो सकती है, लेकिन जब हम देश से बाहर जाते हैं तो हमसे पूछा जाता है कि आपका राष्ट्र कौन सा है।
उन्होंने कहा कि जो लोग आज अलग कश्मीर की बात करते हैं वे कल मणिपुर, असम, नागालैंड की बात करेंगे। देश एक शरीर है, क्या आप यह कह सकते हैं कि अपने शरीर का एक हिस्सा हमें दे दीजिए। प्रशानिक भवन के बाहर सैकड़ों विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पपोर में शहीद हुए कैप्टन पवन और महाजन ने जेएनयू से पढ़ाई की थी।
उन्होंने इस देश के लिए जान गंवाईं, लेकिन क्या इस कैंपस में उनके लिए आंसू निकले। लेकिन, मुझे खुशी है कि आज कुछ छात्रों ने हमें यहां बुलाया है और उन शहीदों को याद किया है। मेजर जनरल बख्शी के साथ यहां पर आए आठ अन्य पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी अपनी बात रखी।
एक तरफ लाल सलाम तो दूसरी तरफ भारत माता की जय गूंजा
कार्यक्रम को लेकर सुबह से ही माहौल गर्म था। क्योंकि, इसी दौरान प्रशासनिक भवन के बाहर राष्ट्रीयता पर कक्षाएं होने वाली थीं। इसके अलावा वहीं वामपंथी छात्र संगठन और दक्षिणपंथी छात्रसंगठन ने एक साथ कार्यक्रम का आयोजन किया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां पर सुरक्षा गार्ड ने बीच में हाथ पकड़कर एक रेखा बना दी गई थी, जिस कारण एक तरफ लाल सलाम तो दूसरी तरफ भारत माता की जय के नारे गूंजे। कार्यक्रम के अंत में जेएनयू के सैकड़ों छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला और जनरल बख्शी सहित कई पूर्व सैनिकों ने शहीदों को सलामी दी।
ये माहौल खराब करना चाहते हैं: शेहला
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने कहा कि एबीवीपी के लोग यहां पर राष्ट्रवाद पर बहस करने आए हैं। ये लोग यहां का माहौल खराब करना चाहते हैं।