जेएनयू प्रोफेसर पर खराब व्यवहार का आरोप
प्रोफेसर ने छात्र संघ के आरोपों का किया खंडन कहा- शिक्षकों को बदनाम करने का प्रयास कर
प्रोफेसर ने छात्र संघ के आरोपों का किया खंडन
कहा- शिक्षकों को बदनाम करने का प्रयास कर रहा छात्र संघ जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हाल में ही देश भर के सहायक प्रोफेसरों के लिए अभिविन्यास (ओरिएंटेशन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अकादमिक स्टाफ कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्कूल ऑफ सोशल साइंस के डीन प्रो. प्रदीप्ता चौधरी ने छात्रों के साथ खराब व्यवहार किया और किसी की जाति पर टिप्पणी की। वहीं प्रो प्रदीपता ने आरोपों का खंडन किया है। प्रो. प्रदीप्ता ने कहा कि वह झूठ बोलकर बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। छात्र संघ का आरोप
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने कहा कि प्रो. प्रदीप्ता चौधरी की ओर से ओरिएंटेशन कार्यक्रम में व्याख्यान दिया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रो. चौधरी का व्याख्यान भारत में जाति वर्ग और सार्वजनिक नीति पर था। व्याख्यान के बीच में चौधरी की ओर से किसी जाति पर टिप्पणी की गई। कार्यक्रम में बैठे प्रतिभागियों ने सवाल उठाए तो वह चिल्ला पड़े और उन्हें कक्षा से बाहर जाने के लिए कहा। प्रोफेसर ने छात्र संघ को झूठा बताया
प्रो. प्रदीप्ता ने कहा कि ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने सवाल पूछा था कि पौराणिक काल में समाज में व्यवस्था कैसी थी? इस पर कई सम्राट का जिक्र करते हुए उन्होंने जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि 321 ईसा पूर्व में चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने सलाहकार चाणक्य की बातों को मानकर 21 साल की उम्र में पूरे भारत में अपना साम्राज्य खड़ा किया था और कई विदेशी ताकतों को भी हराया था। यह भी कहा था कि सम्राट अशोक पहले कल्याणकारी राजा थे। ये सब बातें उन्होंने एन इंट्रोडक्शन टू द स्टडी ऑफ इंडियन हिस्ट्री में पढ़ी हैं। छात्रों ने उनसे कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं। प्रो. प्रदीप्ता ने कहा कि छात्र संघ के आरोप गलत और बेबुनियाद हैं।