जिंदगी भर नहीं भूलेंगे ये फिल्मी शाम
संजीव कुमार मिश्र नई दिल्ली जुबा पर जगजीत सिंह की गजलें दिल में हिंदी फिल्मों के लिए बेइंतहा
संजीव कुमार मिश्र, नई दिल्ली
जुबा पर जगजीत सिंह की गजलें, दिल में हिंदी फिल्मों के लिए बेइंतहा मुहब्बत और ख्वाहिश जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) में शामिल होने की। बस फिर क्या था, पकड़ ली फ्लाइट और आ गई दिल्ली। सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में अफगानिस्तान से आई चार युवतियों की हिंदी फिल्मों के प्रति दीवानगी देखते ही बन रही थी। उन्हें हिंदी फिल्में व फिल्म निर्देशकों से बातचीत का सत्र बहुत पसंद आया।
अफगानी फिल्म निर्माता साजिया सोजई कई शार्ट फिल्में बना चुकी हैं। उनका कहना है कि भारत व हिंदी फिल्में उनके दिल के काफी करीब हैं। वह कई साल से हिंदी फिल्म फेस्टिवल के बारे में ऑनलाइन पढ़ती थीं। जेएफएफ के दसवें संस्करण में दिखाई जाने वाली बेहतरीन फिल्मों और आने वाले सुपरस्टारों के बारे में जानकारी मिली तो खुद को नहीं रोक पाई और दिल्ली चली आई। साजिया कहती हैं कि पहले दिन अनिल कपूर का सत्र बहुत पसंद आया था। फेस्टिवल में दिखाई जा रहीं शार्ट फिल्में, ऑफ बीट फिल्में अच्छी हैं। वह फेस्टिवल चलने तक रोजाना आएंगी।
नजमा काबुल से आई थीं। वह कहतीं हैं कि जगजीत सिंह और गुलाम अली मेरे पसंदीदा हैं। एक महीने के लिए भारत आई हूं। जागरण फिल्म फेस्टिवल में अनिल कपूर के आने की सूचना मिली तो खिंची चली आई। यहा न सिर्फ अनिल कपूर की फिल्में देखने को मिलीं बल्कि उनसे मुलाकात भी हुई। यहा गलियारे में लगाए गए हिंदी फिल्मों के पोस्टर से बालीवुड के बारे में काफी जानकारी मिली। एक अन्य विदेशी दर्शक तमन्ना रुस्तमी कहती हैं कि जेएफएफ के बारे में काफी सुना था, लेकिन पहली बार आने का अवसर मिला है। वह कहती हैं कि चार दिन में हिंदी फिल्मों को और अधिक गहराई से जान व समझ सकेंगी।