जामिया के छात्र नितेश डोगने को कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, भील जनजाति की परंपराओं पर करेंगे रिसर्च
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नितेश डोगने को कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप मिली है। वे 'ट्राइबल सर्कुलरिटी के इंडिजिनस नालेज सिस्टम' पर पीएचडी कर रहे हैं। प्रो. हिना जिया और प्रो. निसार खान के मार्गदर्शन में, नितेश भील जनजाति की परंपराओं का अध्ययन करेंगे और यह रिसर्च सस्टेनेबिलिटी के लिए भारतीय नालेज सिस्टम को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा। कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने इस उपलब्धि पर बधाई दी।

नितेश डोगने। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शोध छात्र नितेश डोगने को इंडियन नालेज सिस्टम आफ ट्राइब्स पर रिसर्च के लिए यूके के कामनवेल्थ स्कालरशिप कमीशन (सीएससी) ने प्रतिष्ठित कामनवेल्थ स्कालरशिप प्रदान किया है। नितेश ट्राइबल सर्कुलरिटी के इंडिजिनस नालेज सिस्टम विषय पर पीएचडी कर रहे हैं।
एक वर्ष तक जारी रखेंगे रिसर्च
उन्हें प्रो. हिना जिया व प्रो. निसार खान के सुपरविजन में वर्ष 2025-26 के लिए कामनवेल्थ स्प्लिट-साइट स्कालरशिप मिली है। वे एक वर्ष तक यूनिवर्सिटी आफ बाथ में अपनी रिसर्च जारी रखेंगे। प्रो. हिना जिया ने कहा कि यह रिसर्च इस बात की जांच करती है कि भील जनजाति पानी, एनर्जी, बायोमास और कचरे का इस्तेमाल कैसे सर्कुलर और लगभग जीरो तरीके से करती है।
वहीं प्रो. निसार खान ने कहा कि यह रिसर्च भील जनजातियों की पुरानी प्रथाओं का अध्ययन करती है, जो शहरीकरण के कारण गायब हो रही हैं। यह डाक्यूमेंटेशन सस्टेनेबिलिटी पाने के लिए भारतीय नालेज सिस्टम को फिर से शुरू करने की नींव का काम करेगा।
मजबूत संबंधों का प्रतीक है यह स्कॉलरशिप
कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि यह स्कालरशिप न सिर्फ़ क्लाइमेट साल्यूशन में स्वदेशी ज्ञान को सबसे आगे रखती है, बल्कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और यूनिवर्सिटी आफ बाथ के बीच संबंधों को भी मजबूत करती है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।