43 साल बाद जामा मस्जिद इलाके में अतिक्रमण पर हुई बड़ी कार्रवाई
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने जामा मस्जिद इलाके में बड़ी कार्रवाई की।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने ऐतिहासिक धरोहर जामा मस्जिद के गेट नंबर एक के पास संयुक्त कार्रवाई कर फुटपाथ और रोड को अतिक्रमण से मुक्त कराया। कार्रवाई जामा मस्जिद के गेट नंबर एक से लेकर मीना बाजार के प्रवेश द्वार तक की गई। इस दौरान मौके पर काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे। वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान इलाके में वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी। स्थानीय लोगों की मानें तो 43 साल बाद यहां पर अतिक्रमण हटाने को लेकर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। यहां रेहड़ी-पटरी लगने की वजह से फुटपाथ गायब हो चुके थे। रोज जाम लगता था। पूरा इलाका बदरंग नजर आता था। अतिक्रमण करने वाले बिना किसी डर के फुटपाथ पर वर्षो से कब्जा किए हुए थे। रेहड़ी-पटरी लगाकर खजूर से लेकर कपड़े तक बेच रहे थे। गुरुवार को यहां से सभी को हटा दिया गया।
जामा मस्जिद के गेट नंबर एक के पास नगर निगम का बोर्ड लगाकर अवैध रूप से ऑटो स्टैंड बना लिया गया था। अब यह जगह पूरी तरह से खाली करा ली गई है। यहां अवैध रूप से ऑटो से लेकर निजी वाहन खड़े होते थे। चंद कदमों की दूरी तय करने के लिए राहगीरों को परेशानी होती थी।
अतिक्रमण करने वालों ने पीपल के पेड़ के आसपास की जगह पर भी कब्जा कर लिया था। यहां पक्का चबूतरा बनाकर उस पर ठीया लगाया जा रहा था। यहां मछली पकड़ने वाला तार बेचा जाता था। बुलडोजर से उस चबूतरे को तोड़ा गया। ट्रांसफार्मर के आसपास की जगह को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया। अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचे दस्ते के आने से पहले रेहड़ी-पटरी लगाने वाले गायब हो गए थे, जो भाग नहीं पाए उन्हें दस्ते ने हटाया। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सूचना एवं प्रेस निदेशक योगेंद्र सिंह मान ने बताया कि अतिक्रमण हटाने को लेकर यह कार्रवाई जारी रहेगी। :::::::::
अतिक्रमण रोकने को रखे गए गमले
इलाके में दोबारा से अतिक्रमण न हो उसके लिए फुटपाथ किनारे गमले रखे गए हैं। रोड पर खोदाई करके पौधरोपण भी किया गया है। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी के मुताबिक फिर से अतिक्रमण न हो उसके लिए पौधे लगाए गए हैं। अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई में कई विभाग शामिल हैं।
------------------------------ वर्ष 1975 में हुई थी ऐसी कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि जामा मस्जिद के पास अतिक्रमण हटाने की ऐसी कार्रवाई वर्ष 1975 में हुई थी। चौधरी अमीनउद्दीन ने बताया कि 43 साल बाद यहां अतिक्रमण हटाने को लेकर इतनी बड़ी कार्रवाई देखी। पूरे इलाके में अतिक्रमणकारियों की वजह से अव्यवस्था फैली थी। दोपहर के समय स्कूली बच्चों को घर पहुंचने में परेशानी होती थी। हर समय जाम लगा रहता था। लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते थे। स्थानीय निवासी मोहम्मद हुसैन का कहना है कि अभी भी बड़ी संख्या में रोड के दूसरे हिस्से में काउंटर लगाकर बिरयानी सहित अन्य चीजें बेची जा रही हैं। उन पर कब कार्रवाई होगी। बड़ा सवाल यह भी है कि कितने समय तक यह जगह अतिक्रमणमुक्त रहेगी। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने गत दिनों दिल्ली की सभी 1797 अवैध कॉलोनियों में निर्माण पर रोक लगाते हुए कहा था कि राजधानी में ऐसा कोई इलाका नहीं होना चाहिए जहां कानून का राज न हो। अदालत ने इन कॉलोनियों को नियमित करने की मंशा पर सवाल उठाए थे। केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर सड़कों, फुटपाथ व सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाया जाए।