जलदान: झील बनने से पहले ही दफन हुई योजना
- जल संरक्षण को ध्यान में रखकर डीडीए ने बनाई थी योजना गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली जल संर
- जल संरक्षण को ध्यान में रखकर डीडीए ने बनाई थी योजना
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली
जल संरक्षण से जुड़े प्रयासों के तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से विकासपुरी में झील निर्माण की योजना बनाई गई थी। उद्देश्य था कि आसपास स्थित आवासीय सोसायटी व पुलिस लाइन परिसर में जमा बारिश के पानी को भूमिगत पाइपलाइन के जरिये झील तक लाया जाए। इससे भूजल स्तर में सुधार होता, साथ ही पानी की गुणवत्ता भी बढ़ती। योजना अच्छी थी, लिहाजा कार्य भी जोर-शोर से शुरू हुआ। लेकिन, जैसे तप रहे रेत पर पानी की बूंदों को भाप बन उड़ते देर नहीं लगती, वैसे ही यह योजना शुरू होने के साथ ही हवा-हवाई हो गई। अब परियोजना स्थल पर सिवाय झील के लिए खोदे गए गड्ढे के अलावा कुछ नहीं है। परियोजना स्थल के आसपास रह रहे लोगों का कहना है कि योजनाओं की घोषणा जिस उत्साह के साथ की जाती है, वह उत्साह योजनाओं के क्रियान्वयन में नहीं दिखता। कई योजनाएं तो घोषणाओं के बाद ही दम तोड़ देती हैं। वहीं, कई ऐसी योजनाएं भी होती हैं जिनपर घोषणा के बाद गर्मजोशी के साथ अमल किया जाता है, लेकिन यह गर्मजोशी चार दिन की चांदनी की तरह गायब हो जाती है।
विकासपुरी स्थित झील योजना के साथ कुछ ऐसी ही स्थिति हुई। अब आलम यह है कि विकासपुरी झील बनाने की योजना को अब डीडीए भी भूल चुका है।
तब कई पेड़ों की ली गई थी बलि : विकासपुरी में यह झील पुलिस लाइन से सटे पार्क व एजी-1 सोसायटी के पीछे बननी थी। करीब डेढ़ दशक पूर्व झील के लिए की गई खोदाई के दौरान यहां कई पेड़ों को काट डाला गया। लोगों का कहना है कि पहले यहां बड़े-बड़े पेड़ थे, जंगल था। लोगों ने यह सोचकर पेड़ों की कटाई का विरोध नहीं किया कि पेड़ों की कटाई एक अच्छे उद्देश्य से की जा रही है। यहां अब पेड़ भले ही न सही, लेकिन बारिश की बूंदों को गंदे नाले में गिरने से बचाया जा सकेगा। आसपास के भूजल स्तर की बढ़ोतरी होगी। सूखी जमीन तर होगी। लेकिन, अब पुरानी बातें छलावा साबित हो रही हैं।
अब भी हो सकता है जगह का उपयोग :
झील के लिए खोदी गई जमीन की सतह पर अब कई पेड़ उग आए हैं। वहीं, झील का एक बड़ा हिस्सा अभी भी उजाड़ है। डीडीए यदि कोशिश करे तो आसपास के क्षेत्र में जमा बारिश के पानी को यहां पहुंचाकर संरक्षित कर सकती है। इससे झील की सतह पर पानी जमा होगा और धीरे-धीरे यहां पानी का स्तर बढ़ता चला जाएगा। फिलहाल झील से चंद मीटर के फासले से गुजर रहे पंखा रोड नाले में कॉलोनियों का पानी गिरकर बर्बाद हो रहा है। इसे झील में लाया जा सकता है। इसके अलावा बारिश के दिनों में जो पानी सड़क पर जमा हो जाता है, उसे भी यहां भूमिगत पाइप नेटवर्क के जरिये पहुंचाया जा सकता है।