IndiGo की उड़ानों के रद होने का सिलसिला जारी, मंडरा रहा भरोसे का संकट; आखिरी समय में लोग जमा करा रहे लगेज
इंडिगो की उड़ानें लगातार रद होने से यात्रियों का भरोसा टूट रहा है। कई उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है, खासकर लगेज को लेकर। यात्री ...और पढ़ें

इंडिगो की उड़ानें लगातार रद होने से यात्रियों का भरोसा टूट रहा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से इंडिगो की उड़ानें रद होने जो सिलसिला चला है, वह रविवार को भी जारी रहा। शनिवार देर रात से रविवार शाम छह बजे के बीच इंडिगो की 54 उड़ानें रद हुई। इनमें 31 उड़ानें प्रस्थान की व 23 उडानें आगमन की थी।
सुकून की बात यह रही कि यात्रियों को उड़ानों के रद होने की सूचना समय से मिल गई थी, तो यात्रियों ने एयरपोर्ट रवाना होने से पहले ही अपनी उड़ान को रिशेडयूल कर लिया। लेकिन पूर्व में जिनकी कनेक्टिंग उड़ानें रद हुईं, उनमें से जिन यात्रियों को लगेज नहीं मिला, उनकी परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को भी कई यात्री लगेज के लिए एयरपोर्ट के फोरकोर्ट एरिया में परेशान घूमते नजर आए।
पिछले कुछ दिनों से एयरपोर्ट के फोरकोर्ट एरिया में परेशान यात्रियों का हुजूम नजर आ रहा था, वह स्थिति रविवार को देखने को नहीं मिली। कुछ लोग परेशान जरुर नजर आ रहे थे, लेकिन उनकी परेशानी का कारण उड़ानों का रद होना नहीं बल्कि भरोसे की डोर टूटना था। दरअसल यात्रियों के साथ अब उनके स्वजन भी एयरपोर्ट पर उन्हें विदाई देने पहुंच रहे हैं।
इसकी एक बड़ी वजह यह है कि अब स्वजन को इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है कि इंडिगो की उड़ान से उनका यात्री गंतव्य तक पहुंच ही जाएगा। ऐसे में जब तक उड़ान टेकआफ नहीं हो जाता, तब तक स्वजन फोरकोर्ट एरिया में डटे रहते हैं और पांच से 10 मिनट के अंतराल पर यात्री से अपडेट लेते रहते हैं। इस कारण अब फोरकोर्ट एरिया में सामान्य दिनों की तुलना में लोगों की भीड़ अधिक नजर आ रही है।
टर्मिनल के भीतर भी टूटा भरोसा
कहावत है दूध का जला छांछ भी फूंक फूंक कर पीता है। यात्रियों का भरोसा इंडिगो के प्रति अब इस कदर टूट गया है कि वे चेकइन आखिरी समय में करा रहे हैं। उन्हें लगता है कि यदि चेकइन करा लिया तो उड़ान रद हो गई तो उनका लगेज फंस जाएगा। इसलिए एकदम आखिरी समय में यात्री लगेज जमा करा रहे हैं।
अकेले सफर कर रहे यात्रियों की कोशिश रहती है कि वे इतना कम लगेज अपने साथ लेकर चलें कि लगेज ओवरहेड केबिन में जमा करना पड़े। ताकि उड़ान रद भी हो तो लगेज उनके साथ रहे। भरोसे के इस संकट के बीच चेकइन काउंटरों पर अंतिम समय में भीड़ जमा हो रही है। यह इंडिगो कर्मियों की परेशानी को बढ़ा रहा है। फोरकोर्ट में मौजूद यात्री के स्वजन भी फोन कर अपने यात्री को यही सलाह देते हैं कि जब तक निश्चिंत नहीं हो जाओ कि उड़ान रद नहीं होगी, तब तक चेकइन कराने से बचो।
रांची से इंदौर की यात्रा चार दिनों में हो रही पूरी
उमेश की यात्रा चार तारीख से शुरु हुई। 4 दिसंबर को उन्हें रांची से वाया दिल्ली होते हुए इंदौर जाना था। लेकिन रांची एयरपोर्ट पर तय समय से पहुंचने के बाद बार बार उड़ान को विलंबित किया गया। कई घंटे विलंबन के दौर के बाद बाद में उडान को रद किया गया। एयरपोर्ट पर उन्हें दो विकल्प दिए गए।पहले विकल्प के तौर पर उन्हें टिकट रद करने व दूसरे विकल्प के तौर पर यात्रा को रिशेडयूल करने को कहा गया।
उमेश ने दूसरा विकल्प चुना। इसके बाद उन्हें 6 दिसंबर का टिकट मिला। रांची से कोलकाता और कोलकाता से इंदौर। छह तारीख को एक बार फिर उड़ान रद हो गई। सात तारीख को एक बार फिर कोशिश हुई और उन्हें कोलकाता से दिल्ली और फिर दिल्ली से भोपाल का टिकट मिला। भोपाल के आगे उन्हें बस की यात्रा करनी होगी। परेशान उमेश बताते हैं कि रांची से इंदौर की यह यात्रा उन्हें जीवनपर्यंत याद रहेगी।
हिंडन से उड़ान रद फिर पहुंचा दिल्ली
नरिंदर नामक यात्री को हिंडन से बंगलुरू की उड़ान लेनी थी। लेकिन एन समय पर उनकी उड़ान रद हो गई। सुकून की बात यह है कि इंडिगो ने उनके अनुरोध को स्वीकार किया और उनकी यात्रा को रिशेडयूल करते हुए उन्हें नई दिल्ली से बंगलुरु की यात्रा का विकल्प दिया। आननफानन में वे हिंडल से आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंचे। यात्री में परेशानी हुई, लेकिन यहां उन्हें इस बात की खुशी थी कि चलो कम से कम यात्रा अब आगे जारी रहेगी।

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