पारदर्शिता के हथियार से हादसों पर वार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मालदा-नई दिल्ली न्यू फरक्का एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मालदा-नई दिल्ली न्यू फरक्का एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से सुरक्षित रेल परिचालन के लिए लगातार मंथन हो रहा है। विशेष संरक्षा अभियान चलाने के साथ ही तकनीकी बदलाव की भी तैयारी है। रेल परिचालन के काम में पारदर्शिता लाने के लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त एसके पाठक ने उत्तर रेलवे को कई सुझाव दिए हैं।
पिछले दिनों रायबरेली (उत्तर प्रदेश) के हरचंदपुर रेलवे स्टेशन के पास न्यू फरक्का एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि प्वाइंट बॉक्स में खामी की वजह से दुर्घटना हुई थी। इसको ध्यान में रखकर रेलवे संरक्षा आयुक्त ने रेलवे प्रशासन को जरूरी कदम उठाने को कहा है। इसके लिए डाटा लॉगर, जिसमें ट्रेन के आवागमन, सिग्नल व प्वाइंट की सारी जानकारी रिकार्ड होती है, के सॉफ्टवेयर में बदलाव करने को कहा गया है। इसे इस तरह से विकसित करने को कहा गया है, जिससे कि प्वाइंट की खामियों की जानकारी आसानी से पता चल सकें।
रिले रूम (रेल ट्रैफिक कंट्रोल रूम) में मैग्नेटिक लॉक लगाने की भी सलाह दी गई है। इससे रिले रूम को खोलने की पूरी जानकारी रिकार्ड हो सकेगी। अधिकारी यह जान सकेंगे यह सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं और इसके रखरखाव में कहीं कोई कोताही तो नहीं हो रही है। सिग्नल कंट्रोल करने के लिए अलग-अलग जगह पर प्वाइंट बॉक्स लगाने के बजाय एकीकृत प्रणाली अपनाने की भी सलाह दी गई है। इससे इनकी निगरानी में आसानी होगी। इन उपायों से सिग्नल सर्किट के साथ छेड़छाड़ की संभावना कम हो जाएगी। इमरजेंसी ब्रेक लगाने को लेकर चालकों को प्रशिक्षित करने की जरूरत पर बल दिया गया है। चालकों को इस बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि कैसे और कब सुरक्षित तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाना है। इसी तरह से डाटा लॉगर के आंकड़े चीफ कंट्रोलर कोचिंग को हर समय उपलब्ध कराने की भी सलाह दी गई है।