दिल्ली में धार्मिक स्थल को सेना ने किया सील, मचा सियासी बवाल
दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार स्थित हनुमान मंदिर को सेना द्वारा सील किए जाने पर सियासी घमासान मच गया है।
नई दिल्ली। दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार स्थित हनुमान मंदिर को सेना द्वारा सील किए जाने पर सियासी घमासान मच गया है। बृहस्पतिवार को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर ने उक्त मंदिर में मौजूद मूर्तियों को खंडित किए जाने के भी आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि इस मंदिर में स्थानीय जनता के साथ-साथ सेना के जवान से लेकर जनरल तक की गहरी आस्था रही है। सेना की इस कार्रवाई से लोगों की भावनाएं आहत हुईं हैं।
उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से इस मामले में शामिल सेना के स्टेशन कमान्डर ब्रिगेडियर जयसिंह को निलंबित करने और मंदिर की सील खुलवाकर पूर्व व्यवस्था बहाल कराने की मांग की है।
तंवर ने बताया कि साल 1914 में गठित दिल्ली छावनी इलाके में सदर बाजार और गोपीनाथ बाजार समेत सात गांवों को शामिल किया गया था। शेष इलाके में मौजूद सेना कार्यालयों और अन्य सैनिक ठिकानों में सेना व उनके परिजन भी रहते हैं।
इसी गोपीनाथ बाजार में हनुमान मंदिर है जिसकी देखरेख, पूजा-अर्चना और प्रबंधन स्थानीय जनता बरसों से करती आ रही है। लेकिन इस भूमि को रक्षा विभाग की भूमि बताकर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे इलाके में तनाव भी बना हुआ है।
मंदिर मामले को लेकर जब स्टेशन कमान्डर और दिल्ली कैन्टोनमेंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर जय सिंह का पक्ष जानने के लिए उनके कार्यालय से संपर्क किया गया तो वे मौजूद नहीं थे। लिहाजा उनके कनिष्ठ अधिकारी से बात की गई। तब, उन्होंने बताया कि हनुमान मंदिर में कोई सीलिंग नहीं हुई है।
अलबत्ता वहां के दानपात्र पर नजर रखी जा रही है। उधर, स्थानीय नेता और कांग्रेस पार्षद संदीप तंवर ने बताया कि मंदिर को महज एक मुद्दा बनाया जा रहा है। सेना ने यह सारी कार्रवाई निचली अदालत के फैसले पर की है।