नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अल्पसंख्यकों के लिए भारत सबसे बेहतरीन देश हैं। भारत के संविधान में जिस प्रकार अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रचार के लिए विशेष प्रविधान है। ऐसे प्रविधान किसी और देश में नहीं है। ग्लोबल माइनारिटी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु के साथ ही आईजीएनसीए के अध्यक्ष राम बहादुर राय और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने संयुक्त रुप से इस रिपोर्ट को जारी किया। सेंटर फार पालिसी एनलिसिस (सीपीए) ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। जिसमें दस लाख से अधिक आबादी वाले 110 देश का अध्ययन किया गया है।
इस रिपोर्ट पर अब दुनिया में होगी चर्चा
रिपोर्ट जारी करने के बाद वेंकैया नायडु ने कहा कि यह रिपोर्ट दुनिया में अल्पसंख्यकों के हालात समझने में सहायक सिद्ध होगी। अभ तक ऐसी रिपोर्ट सिर्फ विकसित देश ही जारी किया करते थे और दूसरे देश पर कीचड़ उछालने का कार्य करते थे, लेकिन यह रिपोर्ट तर्क और तथ्य के आधार पर दुनिया के हालात को बयां करती है। उन्होंने कहा कि अब भारत सहित दुनिया में इस रिपोर्ट पर चर्चा होगी।

सत्य कभी बदल नहीं सकता : चिदानंद
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि ग्लोबल माइनारिटी रिपोर्ट एक नए विमर्श को जन्म देगी। यह रिपोर्ट दुनिया को नए ढंग से समझने का जरिया है। चिदानंद ने कहा कि सत्य कभी बदल नहीं सकता है। यह रिपोर्ट दुनिया के सत्य को उजागर करती है।
कुछ सुझाव संयुक्त राष्ट्र संगठन भी शामिल
सीपीए के कार्यकारी चेयरमैन दुर्गा नंद झा ने कहा कि हमने जो रिपोर्ट तैयार की है उसका फार्मूला भी इस रिपोर्ट में बताया है। रिपोर्ट में 11 पृष्ठ केवल अध्ययन के तरीकों को बताते हैं। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इसका अध्ययन का किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यकों के लिए कार्य करने के लिए कुछ सुझाव संयुक्त राष्ट्र संगठन भी शामिल हैं। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर और भाजपा के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे भी मौजूद रहे।