Move to Jagran APP

फांसी से जुड़ी हर प्रक्रिया का जेल में पूरे दिन चला ट्रायल

जल्लाद की मौजूदगी में बुधवार तिहाड़ जेल संख्या तीन में सुबह से शाम तक फांसी का ट्रायल चला। इस दौरान फांसी की प्रक्रिया से जुड़े तमाम बिदुओं पर गौर करते हुए कई बार ट्रायल किया गया। राजस्व विभाग की ओर से अधिकारी को छोड़ दें तो इस दौरान वे तमाम व्यक्ति मौजूद थे जो दोषियों को फांसी पर लटकाने की पूरी प्रक्रिया के दौरान फांसी घर के सामने मौजूद रहेंगे। ट्रायल का दौर बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 06:08 AM (IST)
फांसी से जुड़ी हर प्रक्रिया का जेल में पूरे दिन चला ट्रायल
फांसी से जुड़ी हर प्रक्रिया का जेल में पूरे दिन चला ट्रायल

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली

loksabha election banner

जल्लाद की मौजूदगी में बुधवार को तिहाड़ के जेल संख्या तीन में सुबह से शाम तक फांसी का ट्रायल चला। इस दौरान फांसी की प्रक्रिया से जुड़े तमाम बिंदुओं पर गौर करते हुए कई बार ट्रायल किया गया। राजस्व विभाग की ओर से अधिकारी को छोड़ दें तो इस दौरान ऐसे कई लोग मौजूद थे जो दोषियों को फांसी पर लटकाने की पूरी प्रक्रिया के दौरान फांसी घर के सामने मौजूद रहेंगे। ट्रायल का दौर बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगा।

इस दौरान अधिकारियों ने कर्मचारियों को फांसी की पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि सभी मानसिक तौर पर पूरी तरह तैयार रहें। सूत्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया के दौरान फांसी घर व आसपास उन्हीं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी जो शारीरिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ हैं। दरअसल, अधिकारी कर्मचारियों को यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि यहां जो कुछ भी होगा वह नौकरी से जुड़े कर्तव्य का एक हिस्सा है। जेल प्रशासन यह नहीं चाहता कि फांसी की प्रक्रिया के दौरान कोई कर्मचारी घबराहट का शिकार हो। यदि जरूरत हुई तो कर्मचारियों की काउंसलिग भी कराई जा सकती है।

जेल सूत्रों का कहना है कि ट्रायल के दौरान जल्लाद ने बक्सर से मंगाई गई मनीला रस्सी से चारों कैदियों के लिए फंदा बनाया। इससे पहले रस्सी को पके केले व मक्खन से मुलायम बनाने की प्रक्रिया भी उसने की। ट्रायल के दौरान जल्लाद की भरसक कोशिश रही कि चार पुतलों को लटकाने के लिए जिन दो अलग-अलग लीवर को दबाना होता है, उसे वह चंद सेकेंड में ही पूरा कर लें। उसने दोनों को एक साथ दबाने की भी कोशिश की, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाया। बाद में जेल प्रशासन का एक कर्मचारी लीवर दबाने में उसकी मदद करने में जुट गया। लीवर दबाने से लेकर पुतलों को फंदे से उतारने तक की पूरी प्रक्रिया में जेल के कुछ कर्मचारी जल्लाद के साथ रहे, ताकि जरूरत पड़ने पर फांसी के दौरान जेल प्रशासन जल्लाद के अलावा इनकी भी मदद ले सके। इस दौरान फांसी पर लटकाने के अलावा दोषियों को उनके सेल में उठाने, सेल से फांसी घर के सामने खुले अहाते में लाने और फिर यहां से फांसी घर के प्लेटफार्म पर ले जाने की पूरी प्रक्रिया भी सुरक्षाकर्मियों की ओर से कई बार की गई। इसके अलावा जल्लाद व जेल अधीक्षक के बीच फांसी पर लटकाने को लेकर अंतिम निर्देश से जुड़े इशारे का भी ट्रायल किया गया। सूत्रों की मानें तो रुमाल गिराने व हाथ से इशारे दोनों ही तरीके से ट्रायल किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.