बस अड्डा में तब्दील हुई निगम की पार्किंग
पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र स्थित मुख्यालय से पूर्वी दिल्ली नगर निगम पूरे यमुनापार पर नजर रखता है। मुख्यालय से पांच मिनट की दूरी पर ईडीएम मॉल के सामने बनी निगम की पार्किंग अवैध बस अड्डा में तब्दील हो गई है लेकिन निगम के अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं है। यह हाल तब है जब निगम के महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने गत वर्ष यहां औचक निरीक्षण कर पार्किंग के ठेकेदार पर जुर्माना लगाया था। दैनिक जागरण के संवाददाता और फोटाग्राफर ने मंगलवार रात इस पार्किंग का जायजा लिया। मुख्य गेट पर निगम की पार्किंग के दो बोर्ड लगे हुए हैं लेकिन यह सिर्फ दिखाने के लिए हैं।
शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली
पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र स्थित मुख्यालय से पूर्वी दिल्ली नगर निगम पूरे यमुनापार पर नजर रखता है। मुख्यालय से पांच मिनट की दूरी पर ईडीएम मॉल के सामने बनी निगम की पार्किंग अवैध बस अड्डा में तब्दील हो गई है, लेकिन निगम के अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं है। यह हाल तब है, जब निगम के महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने गत वर्ष यहां औचक निरीक्षण कर पार्किंग के ठेकेदार पर जुर्माना लगाया था।
दैनिक जागरण के संवाददाता और फोटाग्राफर ने बीते मंगलवार की रात इस पार्किंग का जायजा लिया। मुख्य गेट पर निगम की पार्किंग के दो बोर्ड लगे हुए हैं, लेकिन यह सिर्फ दिखाने के लिए हैं। इस पार्किंग में सिर्फ निजी बसों को ही पार्क करने की अनुमति है। यदि कोई व्यक्ति अपना वाहन पार्क करना चाहे तो उसे रोक दिया जाता है। गेट पर गार्ड व कर्मचारियों की बैठने की जगह है, वहां पर निजी बस वालों के कर्मचारी टिकट काटते हैं। इस पार्किंग से बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के लिए निजी बसें खुलती हैं। निगम के अधिकारियों को इस बारे में पता नहीं है कि यहां बस अड्डा चल रहा है। आनंद विहार में खड़े अधिकतर यात्रियों को मालूम था कि निजी बसें कहां पर खड़ी होती हैं। बसों के आने-जाने के दौरान ही पार्किंग का पूरा गेट उसी समय खोला जाता है। निजी बस के स्टाफ ने बताया कि यह बस अड्डा नगर निगम, पुलिस अधिकारी और नेताओं की देखरेख में चल रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम को होता है नुकसान
आनंद विहार में अंतरराज्यीय बस अड्डा है। यहां से अधिकतर रोडवेज की बसें उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में जाती हैं। रोडवेज तक पहुंचने से पहले यात्रियों को निजी बसों के स्टाफ उन्हें पकड़ लेते हैं। उन्हें अच्छी बसों का लालच देकर निजी बस अड्डे में ले जाते हैं। इससे उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम को आर्थिक नुकसान होता है। साथ ही यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ता है। वर्जन
पार्किंग में बस खड़ी करना गलत नहीं है। अगर वहां पर अवैध रूप से बस अड्डा चल रहा है तो औचक निरीक्षण कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-अमन राजपूत, सहायक आयुक्त, परियोजना कक्ष