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बिसाहड़ा कांड में इकलाख की बेटी का दर्ज नहीं हो सका बयान

दादरी के बिसाहड़ा गांव में भीड़ के हमले का शिकार हुए इकलाख की बेटी शाहिस्ता सोमवार को सूरजपुर स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में बयान दर्ज कराने पहुंची। उसके साथ इकलाख के बड़े भाई जमील भी मौजूद रहे। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता यूसुफ सैफी ने बताया कि नंबर नहीं आने

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2015 08:20 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2015 09:49 PM (IST)
बिसाहड़ा कांड में इकलाख की बेटी का दर्ज नहीं हो सका बयान

नोएडा। दादरी के बिसाहड़ा गांव में भीड़ के हमले का शिकार हुए इकलाख की बेटी शाहिस्ता सोमवार को सूरजपुर स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में बयान दर्ज कराने पहुंची। उसके साथ इकलाख के बड़े भाई जमील भी मौजूद रहे। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता यूसुफ सैफी ने बताया कि नंबर नहीं आने के चलते शाहिस्ता के बयान दर्ज नहीं हो सके। मंगलवार को शाहिस्ता के बयान दर्ज किए जाएंगे। बयान नहीं दर्ज होने पर वह दिल्ली लौट गई।

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उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर की रात बिसाहड़ा गांव के इकलाख सैफी की गोहत्या की अफवाह पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। सोमवार दोपहर जारचा पुलिस की सुरक्षा में इकलाख की बेटी शाहिस्ता ग्रेटर नोएडा आई। 28 सितंबर की रात घटी घटना का डर सोमवार को भी शाहिस्ता के चेहरे पर साफ दिखा। डरी सहमी शाहिस्ता ने पुलिस की सुरक्षा में जिला न्यायालय के अंदर दो घंटे का समय बिताया।

प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट

इकलाख की मौत के बाद प्रदेश सरकार ने उसके परिजन को 45 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने जिला प्रशासन से बिसाहड़ा कांड में पीडि़त को दी गई मदद का ब्योरा तलब किया था। प्रशासन ने यह रिपोर्ट शासन को भेज दी है।


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