जानिए- कैसे BJP-JDU की टेंशन बढ़ाएंगे PK, दिल्ली से बिहार तक गरमाएगी राजनीति
Delhi Assembly Election 2020 CM नीतीश कुमार दिल्ली की सभी सीटों पर JDU के उम्मीदवारों को उतारने का एलान कर चुके हैं। जाहिर है पीके अपनी ही पार्टी के खिलाफ रणनीति बनाएंगे।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 की तारीखों का एलान होने में अभी पखवाड़े भर का वक्त बचा है, लेकिन दिग्गज चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) उर्फ पीके के आम आदमी पार्टी से जुड़ने से बिहार तक की राजनीति गरमा गई है। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री (chief Minister of Bihar) और जनता दल युनाइटेड (Janta Dal United) के मुखिया नीतीश कुमार (Nitish Kumar) काफी पहले ही दिल्ली की सभी 70 विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में बिहार जाहिर है पीके अपनी ही पार्टी के खिलाफ रणनीति भी बनाएंगे।
पूर्वांचल के वोटरों पर रहेगी पीके की नजर
ऐसे जब प्रशांत किशोर दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के रणनीतिकार बन ही गए हैं, तो जाहिर है वे AAP के खिलाफ खड़ी सभी पार्टियों को हराने के लिए योजना भी बनाएंगे। जाहिर है कि उन्होंने जदयू के उम्मीदवारों के खिलाफ रणनीति बनानी होगी। बताया जा रहा है कि रणनीति बनाने के दौरान प्रशांत किशोर की नजर पूर्वांचल के वोटरों पर भी रहेगी, क्योंकि दिल्ली में रहने वाले बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग कई सीटों पर किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए समीकरण बना और बिगाड़ सकते हैं।
MCD चुनाव लड़ चुका है JDU
यहां पर बता दें कि जनता दल यू पहले भी दिल्ली में होने वाले चुनावों में हाथ आजमाता रहा है। वर्ष 2016 में हुए तीनों नगर निगमों उत्तर दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) में जदयू अपने उम्मीदवार उतार चुका है। इस चुनाव में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन वोट प्रतिशत ने उनकी उम्मीद जरूर बढ़ाई है।
25-30 सीटों पर रहेगी JDU की नजर
बताया जा रहा है कि जदयू सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव तो लड़ेगा, लेकिन उसकी नजर 25-30 सीटों पर रहेगी, जहां पर पूर्वांचल के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। बता दें कि पूर्वी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के साथ हरियाणा के फरीदाबाद से सटे दिल्ली के इलाकों में पूर्वांचल के मतदाओं की संख्या ज्यादा है।
यहां पर बता दें कि 23 अक्टूबर को दिल्ली के बदरपुर में आयोजित किए गए प्रशिक्षण शिविर में बिहार के सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में दिल्ली की सभी 70 विधानसभी सीटों पर उम्मादवारों को एलान किया गया था। इस दौरान जदयू के मुखिया नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया था।
वहीं, दिल्ली के जदयू के प्रभारी और बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी प्रार्टी दोनों पर पूर्वांचल और बिहार के लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था। इस दौरान संजय झा ने भाजपा और आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा था कि अब दिल्ली में भी बिहार की तर्ज पर नीतीश मॉडल चलेगा।
बिहार में पीके के रुख से राजनीति गर्म
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का रुख उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। शुक्रवार को पीके ने लगातार तीसरे दिन ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। इस बीच जेडीयू महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर पार्टी छोड़कर जाना चाहें तो वह इसके लिए स्वतंत्र हैं।