100 kmph की रफ्तार से चली हवा से दिल्ली-एनसीआर में तबाही, इसके लिए पाकिस्तान में बना वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है जिम्मेदार
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर चलने वाली पुरवाई हवाएं चक्रवाती परिसंचरण को पोषित कर रही हैं। वहीं आंधी-वर्षा के चलते सिर्फ सवा घंटे में ही दिल्ली के तापमान में 15 डिग्री तक तक की गिरावट दर्ज की गई।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राजधानी दिल्ली में सोमवार दोपहर बाद चली आंधी और भारी वर्षा ने जमकर तबाही मचाई। 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं से जगह जगह पेड़ और होर्डिंग उखड़ गए। जामा मस्जिद के मुख्य गुंबद का ऊपरी पीतल का हिस्सा भी गिर गया।
मौसम विभाग ने इसे उत्तर पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे पाकिस्तान पर सक्रिय हुए एक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है, जिसकी वजह से चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी।
मौसम विभाग के मुताबिक सन 2018 के बाद से दिल्ली में ''गंभीर'' तीव्रता का यह पहला तूफान है। दोपहर तक मौसम सामान्य था। तेज धूप खिली हुई थी और गर्मी की चुभन भी बरकरार थी। अपराहन तीन बजे के बाद एकाएक बादल छा गए और फिर देखते ही देखते तेज आंधी चलने लगी। कुछ देर तक की आंधी बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ भारी बारिश शुरू हो गई। यह सब कुछ बमुश्किल सवा से डेढ़ घंटा चला होगा।
इसका प्रभाव किस हद तक पड़ा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली की फिजा ही बदल गई।मौसम विभाग के मुताबिक औसत अधिकतम तापमान सामान्य स्तर पर 40.6 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। हवा में नमी का स्तर 100 से 40 रहा। जाफरपुर और नजफगढ़ में तो दिन का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार कर गया।
दूसरी तरफ तूफानी आंधी और भारी बारिश से शाम 4:20 बजे दिन का जो तापमान 40 डिग्री सेल्सियस था, शाम 5:40 बजे केवल 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सफदरजंग, लोधी रोड और रिज क्षेत्र में क्रमश: 17.8 मिमी, 20 मिमी और 15 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।
दिल्ली के पूर्वी और मध्य हिस्सों में तूफान का सबसे ज्यादा असर सड़कों पर टूटी पेड़ों की शाखाओं के रूप में नजर आया। शहर भर में कई स्थानों पर लोगों ने तेज हवाओं के कारण बिजली और इंटरनेट केबलों के टूटने तथा राजधानी के कुछ हिस्सों में अफरातफरी मचने की खबरें भी साझा कीं।