आंखों के लिए रासायनिक रंग हैं घातक
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : रासायनिक रंग त्वचा के लिए नुकसानदायक होने के साथ-साथ आंखों के लिए भी खतरना
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : रासायनिक रंग त्वचा के लिए नुकसानदायक होने के साथ-साथ आंखों के लिए भी खतरनाक हैं। रासायनिक रंगों में भारी धातु मिली होती है, जिसके दुष्प्रभाव से आंखों में एलर्जी व अल्सर की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा कॉर्निया भी प्रभावित हो सकती है। ऐसी सूरत में आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है। डॉक्टरों का कहना है कि सावधानी से होली खेलें और हर्बल गुलाल का इस्तेमाल करें।
एम्स के आरपी सेंटर के प्रोफेसर डॉ. तुषार अग्रवाल ने कहा कि रासायनिक रंग शरीर पर इस्तेमाल के लिए नहीं बने हैं। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं। आंखें बहुत संवेदनशील होती हैं। इनसे आंखों का कॉर्निया सफेद हो सकता है इसलिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यदि रंग आंखों में चला जाए तो उससे जलन व आंख लाल हो सकती है इसलिए आंखों को साफ पानी से 10 मिनट तक धोना चाहिए। फिर भी जलन व रोशनी प्रभावित होने की समस्या महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
इनसे मिलकर बनते हैं रासायनिक रंग
रासायनिक रंगों में क्रोमियम, कॉपर सल्फेट, आयरन सल्फाइड, जिंक, निकेल, ब्लैक लेड ऑक्साइड, क्रोमियम आयोडाइड, सिल्वर एल्युमिनियम ब्रोमाइड, मर्करी सल्फेट, टाइटेनियम, कोबाल्ट, कॉपर आदि हानिकारक तत्व होते हैं। रंगों को चमकाने के लिए शीशे का बुरादा भी इस्तेमाल किया जाता है।
हरा रंग आखों के लिए खतरनाक
एम्स में हुए अध्ययन में यह बात साबित हो चुकी है कि हरे रंग का इस्तेमाल आंखों के लिए अधिक घातक होता है। हरे रंग में मैलाकाइट ग्रीन नामक कार्बनिक यौगिक मिला होता है। इस कारण हरे रंग का अंश आंखों में जाने पर वह चिपक जाता है और जल्दी नहीं निकलता है। ऐसे में असहनीय दर्द होता है।
पानी भरे गुब्बारों से आंखों में लग सकती है चोट
सेव साइट सेंटर के निदेशक डॉ. राजीव जैन ने कहा कि होली के दिन बच्चे पानी भरकर गुब्बारे फेंकना अधिक पसंद करते हैं। यदि यह गुब्बारे आंखों पर लग जाए तो गंभीर चोट लग सकती है। इससे आंखों पर सूजन व खून निकलने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आंखों का पर्दा हिल सकता है। यदि आंखों में कांटेक्ट लेंस लगा हो तो वह भी हिल सकता है।
ऐसे करें बचाव
होली खेलने के दौरान कांटेक्ट लेंस को निकाल देना चाहिए। बचाव के लिए होली खेलते वक्त काले चश्मे का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा आंखों के चारों ओर ठंडी क्रीम की मोटी परत लगाई जा सकती है। इससे रंग को धोना आसान होता है।