Move to Jagran APP

जानिये- कौन थे हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के गुरु, 16 साल की उम्र में सिखाया था खेलना

Major Dhyanchand Jayanti ध्यानचंद का हाकी से परिचय दिल्ली ने ही करवाया था। वो यहां 1922 में सिपाही बनकर आए थे रेजीमेंट का नाम था ‘फर्स्ट ब्राह्मण’ रेजीमेंट उसके सूबेदार मेजर बाले तिवारी ही थे जिन्होंने 16 साल के ध्यानचंद को हाकी सिखाई थी उन्हें अपना गुरु मानते थे।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 12:03 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 08:21 AM (IST)
जानिये- कौन थे हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के गुरु, 16 साल की उम्र में सिखाया था खेलना
जानिये- कौन थे हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के गुरु, 16 साल की उम्र में सिखाया था खेलना

नई दिल्ली [विष्णु शर्मा]। मेजर ध्यानचंद फिर से चर्चा में हैं, और ये चर्चा भी दिल्ली से ही निकली। ऐसे में दिल्ली वालों के लिए उनका दिल्ली कनेक्शन जानना बेहद दिलचस्प होगा। ध्यानचंद का हाकी से परिचय दिल्ली ने ही करवाया था। वो यहां 1922 में सिपाही बनकर आए थे, रेजीमेंट का नाम था ‘फर्स्ट ब्राह्मण’ रेजीमेंट उसके सूबेदार मेजर बाले तिवारी ही थे, जिन्होंने 16 साल के ध्यानचंद को हाकी सिखाई थी, उन्हें अपना गुरु मानते थे। और उसी साल दिल्ली में ही उनको पहला वेतन मिला था।

loksabha election banner

बाले तिवारी अच्छे हाकी खिलाड़ी थे और उनकी रेजीमेंट का हाकी में नाम था। उन्होंने ध्यानचंद को काफी गुर सिखाए थे कि हाकी टीम गेम है। अकेले ही बाल पर कब्जा करके मत बढ़ो, दूसरों को पास दो। फिर उन्हें दिल्ली के सालाना मिलिट्री टूर्नामेंट के लिए रेजीमेंटल टीम में चुन लिया गया। सो दिल्ली में ही ये उनका पहला बड़ा मैच और पहला ही टूर्नामेंट था और ये टूर्नामेंट उनकी ही रेजीमेंट ने जीता और जैसा कि मेजर ध्यानचंद अपनी आत्मकथा ‘गोल’ में लिखते हैं, ‘यहीं से उनकी टीम में सेंटर फारवर्ड की जगह पक्की हो गई’।

1936 में पहली बार ओलिंपिक टीम के कप्तान भी दिल्ली में ही बने थे। हाकी फेडरेशन की मीटिंग अप्रैल 1936 में यहीं हुई, तीन नामों पर चर्चा हुई जफर, मसूद और ध्यानचंद। जफर ने ध्यानचंद के नाम पर सहमति जता दी। बाद में ध्यानचंद को अखबारों से पता चला कि प्रेसीडेंट कुंवर जगदीश प्रसाद ने खुद कप्तान के तौर पर उनके नाम का ऐलान किया है। हालांकि बाद में मसूद ने अपनी किताब में लिखा था, कि ‘हमारे प्रेसीडेंट ने कभी भी ना मुङो हाकी खेलते देखा था और ना ध्यानचंद को’।

गंभीरता से नहीं लेना पड़ा था भारी

जिस दिल्ली से उनको इतना मिला, वो उनको कभी ना भूलने वाली हार देगी, ध्यानचंद ने सोचा भी नहीं था। ओलिंपिक से पहले टीम 16 जून को दिल्ली में जुटी। टीम के 11 खिलाड़ी दिल्ली पहुंच गए, बाद में तीन मद्रास में, एक भोपाल में और तीन मुंबई में जुड़े। उसी दिन दिल्ली की टीम ‘दिल्ली हाकी इलेवन’ से उनका मैच था। ओलिंपिक के लिए चुनी ध्यानचंद की टीम में खिलाड़ी थे- इम्मेट, टैपसेल, गुरुचरण सिंह, अहसान, मसूद, गैलीबार्डी, शहाबुद्दीन, हुसैन, जाफर, फर्नांडीज और ध्यानचंद। जबकि दिल्ली टीम के खिलाड़ी थे- जी मजकारेन्हस, राजेंद्र सिंह, डी स्काउदर्न, याह्या खान, डब्ल्यू पनेल, सी जैकब, ई विनफ्रेड, के एक्ट्रास, एमए गेटले, सुल्तान खान और मुहम्मद नाजिर।

उसी दिन दोपहर में रेतीले तूफान के बाद काफी तेज बारिश ने दिल्ली का मौसम तो अच्छा बना दिया था, लेकिन मोरी गेट ग्राउंड के मैदान में काफी फिसलन हो गई थी। दिल्ली की टीम ने ध्यानचंद की अगुवाई में खेल रही ओलिंपिक टीम को 4-1 से रौंद दिया। दिल्ली की तरफ से दो गोल जैकब ने और दो सुल्तान ने किए। शुरुआत में ही हुसैन ने ध्यानचंद के दो अच्छे पास खराब कर दिए, सो ध्यानचंद निराश थे। हालांकि जफर ने फर्नाडीज के एक पास को गोल में बदलकर उम्मीद जताई लेकिन टीम आगे ये लय बरकरार नहीं रख पाई।

ध्यानचंद ने आत्मकथा में लिखा है कि, ‘हम दिल्ली की टीम को कभी गंभीरता से नहीं लेते थे, दिल्ली की हाकी टीम का कोई नाम भी नहीं था। 1932 ओलिंपिक से लौटकर हमने उन्हें 12-0 से हराया था, लेकिन उस दिन उन लोगों ने हमें पूरी तरह धोकर रख दिया’। इस हार की खबर जैसे ही बाहर गई, तमाम हाकी के हलकों में हंगामा मच गया, ध्यानचंद पहली बार ओलिंपिक टीम के कप्तान बने थे, लगा कि कहीं टीम में कोई बड़ा फेरबदल ना हो जाए। लेकिन इस हार ने उनको गुस्सा भी दिला दिया।

अगले ही दिन उन्होंने झांसी में ‘झांसी हीरोज’ को 7-0 से, 18 जून को ‘भोपाल स्टेट इलेवन’ को 3-0 से, 21 को ‘मद्रास इंडियंस’ को 5-1, ‘आल मद्रास’ को 5-3 से, 23 जून को ‘बेंगलुरू कंबाइंड’ को 4-1 से हराकर 25 को मुंबई पहुंच गए थे।

27 जून को ओलिंपिक के लिए निकलना था। दिल्ली की हार का इतना गुस्सा ही था शायद कि ध्यानचंद की टीम ने पूरे ओलिंपिक में केवल एक गोल खाया, जर्मनी की टीम से, फाइनल मैच 8-1 से जीता था।

ये भी पढ़ें- एमपी के नीमच का बर्बरता वाला वीडियो देखकर भड़के कुमार विश्वास, जानिए ट्वीट कर क्या कहा?

ये भी पढ़ें- जान लें किन-किन तरीकों से साइबर ठग कर रहे ठगी, दिल्ली-एनसीआर में रोजाना आ रहे 100 मामले, रहे होशियार

ये भी पढ़ें- Good News Delhi: सीएम अरविंद केजरीवाल बोले- जारी रहेगी डोर स्टेप डिलीवरी आफ पब्लिक सर्विसेज, जानें अन्य डिटेल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.