पीएमओ ने दी मंजूरी, लाहौरी गेट से उठेगी अंग्रेजों के समय की मिट्टी
वी.के.शुक्ला, नई दिल्ली प्रधानमंत्री कार्यालय, आइबी सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने लालकिला का लाह
वी.के.शुक्ला, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री कार्यालय, आइबी सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने लालकिला का लाहौरी गेट के संरक्षण कार्य के लिए भारतीय पुरातत्व सवर्ेंक्षण (एएसआइ) को मंजूरी दे दी है। इसके तहत गेट के ऊपर अंग्रेजों के समय डाली गई कई ट्रक मिट्टी को हटाया जाना है। इसके हटाने के बाद एएसआइ इस गेट की मजबूती का अध्ययन करेगा, तब संरक्षण कार्य कराया जाएगा।
लालकिला के लाहौरी गेट का पूरा हिस्सा आजादी के बाद से सुरक्षा एजेंसियों के कब्जे में है। यह वही गेट है जिससे लालकिला में आम जनता प्रवेश करती है। इसी गेट के बाई ओर आजादी के बाद से हर साल स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं। लालकिला का यह भाग सुरक्षा के लिहाज से अति महत्वपूर्ण है। एएसआइ यहा बगैर प्रधानमंत्री कार्यालय और सुरक्षा एजेंसियों की अनुमति से संरक्षण का कोई कार्य नहीं करा सकता है। कई साल पहले विभाग द्वारा कराए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि लालकिला के दिल्ली गेट और लाहौरी गेट के संरक्षण कराने की सख्त जरूरत है। जिसके बाद एएसआइ ने दोनों गेटों के संरक्षण की योजना बनाई थी। दिल्ली गेट का चार साल पहले संरक्षण शुरू किया गया था। जिसमें दर्जनों ट्रक मिट्टी को गेट के ऊपर से हटाया गया था। इसके अलावा संरक्षण भी कराया गया था। एएसआइ ने चार साल पहले ही लाहौरी गेट के संरक्षण के बारे में सुरक्षा एजेंसियों के पास आवेदन किया था। मगर अब जाकर स्वीकृति मिली है। एएसआइ के मुख्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दो माह पहले प्रधानमंत्री कार्यालय, आईबी सहित प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगीं सभी एजेंसियों ने लाहौरी गेट का दौरा किया था। निरीक्षण के बाद संरक्षण व मिट्टी हटाने के कार्य को मंजूरी दे दी गई है। उसके बाद से मजदूरों की पुलिस जांच कराने के बाद गेट से मिट्टी हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा है डेढ़ से दो माह मिट्टी हटाने में लगेगा। इस गेट के उस हिस्से के साथ छेड़छाड़ नहीें की जाएगी। जहां पर प्रधानमंत्री भाषण देते हैं। इस भाग के सामने मिट्टी रहेगी। जबकि इसके बाई और दाई ओर मिट्टी हटा दी जाएगी। मिट्टी हटाने के बाद यह पता चल सकेगा कि मिट्टी के कारण पानी जाने से स्मारक की दीवारों को कितना नुकसान पहुंचा है। उसके बाद गेट में संरक्षण का कार्य शुरू होगा।