एनसीएलटी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
राजशेखर ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ने पूर्व में अदालत में कहा था कि क्योंकि लॉकडाउन 30 जून तक स्थगित कर दिया गया है ऐसे में राजशेखर को 12 जून को होने वाली अगली सुनवाई तक वर्तमान पद से नहीं हटाना चाहिए। हालांकि 4 जून को एनसीएलटी ने आदेश जारी कर उन्हें 5 जून तक वर्तमान पद छोड़ने और
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा किए गए स्थानांतरण के आदेशों को चुनौती देने वाले एनसीएलटी के सदस्य राजशेखर वीके के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने सुनवाई को 12 जून तक के लिए स्थगित कर दिया। अधिवक्ता वंदना सहगल के माध्यम से आवेदन दाखिल कर राजशेखर ने स्थानांतरण पर रोक लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई न करने का प्राधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है। इस पर पीठ ने केंद्र सरकार व एनसीएलटी के कार्यकारी अध्यक्ष से जवाब मांगा है।
राजशेखर ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ने पूर्व में अदालत में कहा था कि लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ा दिया गया है, ऐसे में राजशेखर को 12 जून को होने वाली अगली सुनवाई तक वर्तमान पद से नहीं हटाना चाहिए। हालांकि, 4 जून को एनसीएलटी ने आदेश जारी कर उन्हें 5 जून तक वर्तमान पद छोड़ने और 8 जून तक नए पद पर ज्वाइन करने को कहा है। इससे पहले राजशेखर ने उन्हें एनसीएलटी मुंबई से कोलकाता पीठ में स्थानांतरित करने के आदेश को रद करने का निर्देश देने की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने दो अन्य आदेशों को भी चुनौती दी है। राजशेखर ने कहा कि एनसीएलटी के कार्यवाहक अध्यक्ष बीएसवी प्रकाश कुमार ने अपना स्थानांतरण एनसीएलटी चेन्नई से मुंबई बेंच किया है और आठ अन्य सदस्यों का स्थानांतरण किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ही आदेश अवैध हैं। राजशेखर ने मांग की थी कि बीएसवी प्रकाश कुमार की जगह किसी योग्य सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया जाए। याचिका के अनुसार एनसीएलटी रजिस्ट्रार द्वारा स्थानांतरण आदेश पर हस्ताक्षर किए गए थे, जबकि उनके पास ऐसी कोई शक्ति नहीं थी।