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कोरोना रिपोर्ट देने में देरी पर हाई कोर्ट ने जताई नाखुशी

चिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अधिवक्ता सत्यकाम ने पीठ को बताया कि 22 अक्टूबर तक चौथा सीरो-सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद रिपोर्ट पेश की जाएगी। उन्होंने पीठ को बताया कि सीरो-सर्वे का विश्लेषण कर रहे उनके वरिष्ठ अधिकारी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:04 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 07:04 PM (IST)
कोरोना रिपोर्ट देने में देरी पर हाई कोर्ट ने जताई नाखुशी
कोरोना रिपोर्ट देने में देरी पर हाई कोर्ट ने जताई नाखुशी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली

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कोरोना मरीज को टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी देने में देरी होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि मरीज को जांच रिपोर्ट की जानकारी 24 घंटे के अंदर दी जानी चाहिए। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब एक कोर्ट कर्मचारी ने बताया कि उन्हें चार दिन बाद रिपोर्ट दी गई। पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि इस तरह का मामला दोबारा नहीं होना चाहिए। पीठ ने साथ ही दिल्ली सरकार से कहा कि सुनिश्चित करें कि अदालत में सुनवाई होने से पहले चौथी सीरो-सर्वे की रिपोर्ट मीडिया में लीक न हो। पीठ ने इसके साथ ही भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) से कहा कि वह फेलूदा नामक नई जांच पर अपना पक्ष पेश करे। टाटा संस द्वारा की जा रही इस जांच के लिए अभी आइसीएमआर की स्वीकृति लंबित है।

याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अधिवक्ता सत्यकाम ने पीठ को बताया कि 22 अक्टूबर तक चौथा सीरो-सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद रिपोर्ट पेश की जाएगी। उन्होंने पीठ को बताया कि सीरो-सर्वे का विश्लेषण कर रहे उनके वरिष्ठ अधिकारी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। इस पर पीठ ने कहा कि आगामी 11 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई से पहले सीरो-सर्वे की रिपोर्ट मीडिया में लीक नहीं होनी चाहिए। इससे पहले तीसरी सीरो-सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश होने से पहले मीडिया में लीक होने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। दिल्ली सरकार ने बताया कि तीसरा सीरो-सर्वे दिल्ली में एक सितंबर से सात सितंबर के बीच किया गया था। इसमें पाया गया था कि कोरोना संक्रमित लोगों में एंटीबॉडी अगस्त तक जहां 29 फीसद थी, जो सितंबर में घटकर 25 फीसद ही रह गई। पीठ ने महामारी को देखते हुए 16 सितंबर को दिल्ली सरकार को आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया था।


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